उद्योगपतियों ने पावरकॉम को कोसा, ईएसआइ अस्पताल की खामियां भी गिनवाई

उद्योगपतियों ने पावरकॉम के खिलाफ रोष व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिजली महंगी होने से उद्योगपतियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 01:59 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 06:07 AM (IST)
उद्योगपतियों ने पावरकॉम को कोसा, ईएसआइ अस्पताल की खामियां भी गिनवाई
उद्योगपतियों ने पावरकॉम को कोसा, ईएसआइ अस्पताल की खामियां भी गिनवाई

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरु नगरी के प्रमुख उद्योगपतियों ने साफ कहा है कि पंजाब सरकार उद्योग को तबाह करने पर आमादा है। बिजली महंगी करके उद्योगपतियों एवं आमजन की कमर तोड़ी जा रही है। सरकार मध्य वर्ग की इंडस्ट्री को तबाह करने की कोशिश कर रही है, जिसे व्यापारी सहन नहीं करेंगे। वीरवार को जिला परिषद कार्यालय में उद्योगपतियों एवं व्यापारियों ने पावरकॉम एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान रोष व्यक्त किया।

पंजाब व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्यारेलाल सेठ ने कहा कि व्यापारियों ने सरकार से राहत मांगी थी, पर हम पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया। पावरकॉम ने इंडस्ट्री पॉलिसी 2017 के तहत बिजली का प्रति यूनिट पांच रुपये फिक्स किया, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। पंजाब के दो थर्मल प्लांट में कोयले की ढुलाई के लिए पावरकॉम ने 1430 करोड़ रुपये का खर्च बताया। यह भारी-भरकम राशि भी उपभोक्ताओं पर डाल दी गई। उपभोक्ता यह पैसा क्यों देगा? यदि पावरकॉम जन व उद्योग विरोधी नीतियों पर चलता रहा, तो हम सड़कों पर उतर आएंगे। व्यापारी एवं उद्योगपति सरकार को रेवेन्यू, रोजगार, जीएसटी, इनकम टैक्स दे रहे हैं। लेकिन सरकार इन्हें कोई राहत नहीं दे रही है।

4 नवंबर को विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशन की उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक इन्वेस्ट पंजाब की मैनेजिग डायरेक्टर विन्नी महाजन के साथ हुई थी। इसमें उद्योगपतियों ने इंडस्ट्रियल पॉलिसी के मुलाजिमों के लिए 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाने पर चर्चा की थी। उद्योगपतियों ने बताया था कि कई तरह के खर्च बढ़ाकर इस समय बिजली 7.50 प्रति यूनिट पड़ती है, जो पॉलिसी के खिलाफ है।

इस बैठक में ईएसआइ अस्पताल में मजदूरों को स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने का मुद्दा भी गरमाया। उत्तर प्रदेश कल्याण परिषद के संरक्षण डॉ. जेपी सिंह ने कहा कि ईएसआइ अस्पताल में मजदूरों के वर्षों पुराने मेडिकल बिल लंबित पड़े हुए हैं। अस्पताल में मरीजों को डॉक्टर नहीं मिलते। मेडिकल सुपरिटेंडेंट का महत्वपूर्ण पद रिक्त है। ईएसआइ विभाग उचित समय पर फंड मुहिया करवा देता है, लेकिन पंजाब सरकार यह राशि अन्य मदों पर खर्च कर देती है। डॉ. जेपी सिंह ने अमृतसर में मॉडल ईएसआइ अस्पताल बनाने की मांग रखी, जिसे अमृतसर सहित आसपास के सभी जिलों को अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सकें। ईएसआइ अस्पताल में अल्ट्रासाउंड, एमआरआइ की सुविधा नहीं है। इसके लिए मरीजों को जालंधर भेजा जाता है। सरकार अमृतसर में स्थित किसी निजी अस्पताल से टाईअप कर यह सुविधा उपलब्ध करवाए। इस अवसर पर जिला उद्योगपति कमल डालमिया, संदीप खोसला, द पंजाब वॉर्प निटिग एसोसिएशन के प्रधान संजय मेहरा टीनू, डॉ. जेपी सिंह, अमित कपूर, प्राण अग्रवाल, आषीश गर्ग आदि उपस्थित थे। समस्याओं का समयबद्ध समाधान करवाएं अधिकारी : एडीसी

बैठक में उपस्थित एडीशनल डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने पावरकॉम एवं ईएसआइ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उद्योगपतियों द्वारा बताई गईं सभी मुश्किलों का समयबद्ध समाधान किया जाए। यदि ऐसा नहीं करते तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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