पोते की शादी में बाराती बनेंगे मनमोहन

By Edited By: Publish:Fri, 25 Jul 2014 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jul 2014 01:00 AM (IST)
पोते की शादी में बाराती बनेंगे मनमोहन

-पूर्व प्रधानमंत्री ने परिवार के लिए निकाला वक्त

-बहन का न्यौता किया कबूल, पत्नी के साथ पोते को देंगे आशीर्वाद

- दो साल बाद दो दिन के लिए आएंगे

::::::::::::::::::::

धीरज कुमार झा, अमृतसर

पोते की शादी में बाराती बनेंगे दादा मनमोहन। 10 साल तक देश की सेवा में व्यस्त रहने के बाद सियासत से फुरसत मिलने पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पहली बार परिवार के लिए वक्त निकाला है। बहन ज्ञान कौर ने दिल्ली जाकर पोते की शादी में आने का न्यौता दिया तो मनमोहन सिंह ने झट से कबूल कर लिया। पत्नी गुरशरण कौर संग वह पोते पुष्पदीप की शादी में बाराती बनेंगे।

शादी में दादा मनमोहन सिंह के आने से पुष्पदीप व असनीत कौर की खुशी दोगुनी हो गई है। बतौर प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव से पहले गुरुनगरी आए डॉ. मनमोहन सिंह दो साल बाद अपने गृहनगर आएंगे। 26 जुलाई को शाम 6.25 बजे वह राजासांसी एयरपोर्ट पर उतरेंगे। इसके बाद आठ बजे लारेंस रोड पर पुष्पदीप व असनीत की रिंग सेरेमनी में शिरकत करेंगे। 27 जुलाई को जामुन वाली सड़क स्थित चड्ढा हाउस से बारात चलेगी। मजीठा रोड स्थित एक पैलेस में पोते की शादी में शामिल होकर वह आशीर्वाद देंगे।

शादी में मनमोहन सिंह के आने की खबर से पूरा परिवार खुश है। भांजा बॉबी कहता है कि पुष्पदीप व असनीत कौर बेहद खुश हैं, क्योंकि दादा-दादी उन्हें आशीर्वाद देने आ रहे हैं। शादी में पूरे परिवार से उनकी मुलाकात होगी। 10 साल तक प्रधानमंत्री रहने से व्यस्तता के कारण वह परिवार को भी वक्त नहीं दे पाते थे। शादी संपन्न होने के बाद 27 जुलाई की शाम छह बजे वह दिल्ली लौट जाएंगे।

सर्किट हाउस में ठहरेंगे

दो दिवसीय यात्रा के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह पत्नी गुरशरण कौर के साथ सर्किट हाउस में ठहरेंगे। सर्किट हाउस में तैयारियों का दौर जारी है। पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। बतौर पीएम भी जब मनमोहन सिंह गुरुनगरी आए थे तो सर्किट हाउस में ही ठहरे थे। सुरक्षा के लिए दिल्ली से टीम आ गई है।

श्री हरिमंदिर साहिब में होंगे नतमस्तक

मनमोहन सिंह 27 जुलाई को सुबह पांच बजे श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होंगे। वहां करीब दो घंटे रुककर वह कीर्तन श्रवण करेंगे। दो साल पहले जब मनमोहन सिंह श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे थे तो उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे। इत्तफाक से इस बार भी जब वह आ रहे हैं तो हरियाणा में अलग एसजीपीसी का मामला गरमाया हुआ है। 27 को ही श्री हरिमंदिर साहिब में बैठक भी बुलाई गई है।

chat bot
आपका साथी