उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा- जनहित याचिकाएं नहीं बननी चाहिए निजी हित याचिकाएं

उपराष्ट्रपति ने कानून के छात्रों का आह्वान किया कि वे बेजुबानों की आवाज बनें और अपने कानूनी ज्ञान का इस्तेमाल वंचितों को सशक्त बनाने में करें।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 06:37 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:37 PM (IST)
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा- जनहित याचिकाएं नहीं बननी चाहिए निजी हित याचिकाएं
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा- जनहित याचिकाएं नहीं बननी चाहिए निजी हित याचिकाएं

नई दिल्ली, प्रेट्र। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि जनहित याचिकाएं निजी, आर्थिक और राजनीतिक हितों के लिए निजी हित याचिकाएं नहीं बननी चाहिए। हालांकि व्यापक जनहित में इन्हें दायर करने में कोई बुराई नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने कहा- मामलों को स्थगित किए जाने से न्याय पाना महंगा हो जाता है

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आंध्र यूनिवर्सिटी के डॉ. बीआर आंबेडकर कॉलेज ऑफ लॉ की प्लेटिनम जुबली मीट को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट समेत विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की और सरकार व न्यायपालिका से त्वरित न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने न्याय प्रक्रिया को सस्ता और तेज बनाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि मामलों को स्थगित किए जाने से न्याय पाना महंगा हो जाता है।

नायडू ने कहा- कानून के छात्र बेजुबानों की आवाज बनें, कानून के द्वारा वंचितों को सशक्त बनाएं

उन्होंने कानून के छात्रों का आह्वान किया कि वे बेजुबानों की आवाज बनें और अपने कानूनी ज्ञान का इस्तेमाल वंचितों को सशक्त बनाने में करें। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे गरीबों के लिए कानूनी सहायता को प्रतिबद्धता की तरह लें।

उपराष्ट्रपति ने कहा- अन्याय के खिलाफ लड़ें, इरादा और उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पेशेवर और नैतिक आचरण विकसित करते हुए वे निडर और निष्पक्ष बनें। जहां भी अन्याय हो, उसके खिलाफ लड़ें। उन्होंने कहा कि कानूनों को सरल होना चाहिए, साथ ही उसका इरादा और उद्देश्य भी बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए।

chat bot
आपका साथी