पश्चिम बंगाल पर त्रिपुरा सरकार ने लगाया बिप्‍लब देव की सुरक्षा में मदद न करने का आरोप

मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब देव को पश्चिम बंगाल में एक रथ यात्रा में शामिल होना था। इसकी सूचना पश्चिम बंगाल सरकार को पहले ही दे दी गई थी।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 09:16 AM (IST)
पश्चिम बंगाल पर त्रिपुरा सरकार ने लगाया बिप्‍लब देव की सुरक्षा में मदद न करने का आरोप
पश्चिम बंगाल पर त्रिपुरा सरकार ने लगाया बिप्‍लब देव की सुरक्षा में मदद न करने का आरोप

अगरतला, एएनआइ। त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब कुमार देव की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर असहयोगात्‍मक रवैये का आरोप लगाया गया है। पत्र लिखकर त्रिपुरा सरकार ने इस पर आपत्ति जताई है। त्रिपुरा के मुख्य सचिव एल के गुप्ता ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार देव के पत्र लिखकर इस बारे में सूचना दी है।

मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब देव को पश्चिम बंगाल में एक रथ यात्रा में शामिल होना था। इसकी सूचना पश्चिम बंगाल सरकार को पहले ही दे दी गई थी। पत्र में लिखा है कि कूच बिहार की स्‍थानीय पुलिस ने त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब देव के दौरे के दौरान सहयोग नहीं किया गया। बता दें कि त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी मिली हुई है। लेकिन मुख्‍यमंत्री की यात्रा को लेकर पश्चिम बंगाल की पुलिस का रवैया ठीक नहीं था। पुलिस ने बिप्‍लब देव की सुरक्षा में जुटे अधिकारियों के साथ ट्रांसपोर्ट और रहने की जानकारी या योजना भी साझा नहीं की। यानि अंतिम समय तक सीएम के सुरक्षागार्ड्स को पता ही नहीं था कि बिप्‍लब देव को किस रूट से कहां ले जाया जाएगा।

बिप्‍लब देव को कूच बिहार में होने वाली भारतीय जनता पार्टी की रथ यात्रा में शामिल होना था। पत्र में लिखा गया है, 'त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री की सुरक्षा को लेकर यह बड़ी चूक कही जा सकती है। ये बेहद गंभीर मामला है, पश्चिम बंगाल की सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए।'

भाजपा की रथ यात्रा को सुरक्षा कारणों का हलावा देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने इजाजत नहीं दी थी। इसलिए त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्‍लब देव पश्चिम बंगाल नहीं गए। हालांकि उनकी रथ यात्रा में शामिल होने की पूरी तैयारी थी। अगर कोई मुख्‍यमंत्री किसी दूसरे राज्‍य में दौरे पर जाता है, तो उनके रहने आदि का इंतजाम 24 घंटे पहले ही कर दिया जाता है। इसकी जानकारी मुख्‍यमंत्री की सुरक्षा टीम के साथ साझा भी की जाती है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी की प्रस्तावित 'यात्राएं' रोके जाने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के विस्तार से 'डरीं' ममता लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं। ममता बनर्जी की सरकार से अनुमति नहीं मिलने पर भाजपा को अपनी तीन यात्राएं टालनी पड़ी हैं। पार्टी को हाई कोर्ट से भी तत्काल कोई राहत नहीं मिली। इस घटनाक्रम से नाराज शाह ने नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा- 'हम निश्चित ही सभी यात्राएं निकालेंगे, हमें कोई नहीं रोक सकता। भाजपा पश्चिम बंगाल में बदलाव को लेकर प्रतिबद्ध है। यात्राएं रद नहीं की गई हैं, सिर्फ टाली गई हैं।'

मालूम हो कि शाह को शुक्रवार को कूचबिहार में रथयात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना करना था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा हिंसा की आशंका जताए जाने के बाद गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी अनुमति देने से इनकार कर दिया था। भाजपा ने एकल जज पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है। शाह ने दावा किया कि राज्य के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं और भाजपा अगला लोकसभा चुनाव बहुमत से जीतेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के विस्तार तथा पंचायत चुनावों में सात हजार से ज्यादा सीटों पर पार्टी की जीत से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की रातों की नींद उड़ गई है और वह डरी हुई हैं। वह जानती हैं कि ये यात्राएं बदलाव की बुनियाद बनेंगी, इसलिए वह इन्हें रोकने की कोशिश कर रही हैं।

अमित शाह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को बताना चाहते हैं कि उनकी सरकार भाजपा को दबाने की जितनी कोशिश करेगी, लोगों में गुस्सा उतना ही बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा के पीछे भाजपा का विस्तार भी एक कारण था। भाजपा के 20 से ज्यादा कार्यकर्ता राजनीतिक हत्याओं के शिकार हुए हैं। उन्होंने राज्य की कानून--व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर हुई 100 राजनीतिक हत्याओं में 26 पश्चिम बंगाल में हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल का पूरा प्रशासन सत्तारू़ढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहा है।

chat bot
आपका साथी