तमिलनाडु में उलमा को दोपहिया खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी देगी राज्‍य सरकार, पेंशन भी दोगुनी

तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) ने उलमा को नए दोपहिया की खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी देने और उनकी पेंशन भी दोगुनी करने का एलान किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 10:25 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 10:26 PM (IST)
तमिलनाडु में उलमा को दोपहिया खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी देगी राज्‍य सरकार, पेंशन भी दोगुनी
तमिलनाडु में उलमा को दोपहिया खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी देगी राज्‍य सरकार, पेंशन भी दोगुनी

चेन्नई, पीटीआइ। तमिलनाडु सरकार ने उलमा को नए दोपहिया की खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी देने और उनकी पेंशन भी दोगुनी करने का एलान किया है। अब उलमा को 1,500 रुपये की जगह पर 3,000 रुपये पेंशन मिलेंगी। तमिलनाडु वक्फ बोर्ड को आवंटित जमीन पर हज हाउस बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने विधानसभा में कहा कि अभी उलमा-पेश इमाम, मोतीनार, अरबी शिक्षक और मुजावर को 1,500 रुपये बतौर पेंशन दिए जाते थे। ये लोग तमिलनाडु के वक्फ संस्थानों से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने कहा, 'उलमा की पेंशन अब 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दी गई है।'

मालूम हो कि तमिलनाडु में 2,814 वक्फ संस्थान हैं। पंजीकृत संस्थानों में काम करने वाले उलमा को सरकार नए दो पहिया खरीद पर 25,000 रुपये या वाहन की कीमत की 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी। उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य सरकार का यह फैसला ऐसे वक्‍त में सामने आया है जब संशोधित नागरिकता कानून को लेकर आंदोलन और सियासत दोनों ही जारी हैं।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ऐलान कर चुके हैं कि राज्य में जनगणना तो कराई जाएगी लेकिन सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के लिए डाटा इकट्ठा करने में मदद नहीं करेगी। उन्‍होंने यह भी कहा था कि वह राज्‍य में ना तो सीएए और ना ही एनपीआर लागू होने देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्‍य में डिटेंशन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे।

बता दें कि केरल के अलावा कई दूसरे राज्य भी इस कानून को अपने राज्य में लागू करने से मना कर चुके हैं। यही नहीं CAA के खिलाफ दिल्ली का शाहीन बाग प्रदर्शन का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। यहां पर पिछले दो महीने से इस कानून का विरोध हो रहा है। सड़क धरना प्रदर्शन करने के चलते बंद है। जिससे लोगों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। 

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