श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने निर्मला सीतारमण से की मुलाकात, आर्थिक सहयोग पर हुई चर्चा

आजादी के बाद पहली बार श्रीलंका में हालात इतने खराब हैं कि यहां खाने-पीने के सामानों की भी किल्लत हो गई है। विदेशी एक्सचेंज को इस हालात का जिम्मेवार बताया जा रहा है। हालांकि भारत की ओर से श्रीलंका की ओर से मदद दी जा रही है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 28 May 2022 12:30 PM (IST) Updated:Sat, 28 May 2022 12:30 PM (IST)
श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने निर्मला सीतारमण से की मुलाकात, आर्थिक सहयोग पर हुई चर्चा
श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने निर्मला सीतारमण से की मुलाकात, आर्थिक सहयोग पर हुई चर्चा

 कोलंबो, एएनआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने दिल्ली में श्रीलंका के भारतीय उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा ( Milinda Moragoda) से मुलाकात की। दोनों के बीच श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के समाधान को लेकर बातचीत की गई। भारत में श्रीलंकाई दूतावास ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया, 'मध्य अप्रैल में हुई बैठक के बाद यह दूसरी बार है जब उच्चायुक्त मोरागोडा ने भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ श्रीलंका की आर्थिक समस्या को लेकर बात की।' भारत-श्रीलंका की 37वीं बोर्ड मीटिंग भी नई दिल्ली में शुक्रवार को हुर्इ। इसकी अध्यक्षता श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले (Gopal Baglay) ने की।

1948 में आजादी मिलने के बाद यह पहली बार है जब श्रीलंका के आर्थिक हालात इतने बदतर हैं। इस मंदी के पीछे विदेशी एक्सचेंज की किल्लत को कारण बताया गया है जो कोरोना महामारी में ठप पड़े पर्यटन के कारण हुआ। श्रीलंका के आर्थिक हालात इतने खराब हो चुके हें कि इसके पास ईंधन खरीदने के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। वहीं लोगों के पास खाने और आधारभूत सुविधाओं की भी खासी कमी है। न तो इनके पास खाना है न कुकिंग गैस और न ही ईंधन।

फरवरी में भारत ने श्रीलंका को 500 मिलियन डालर का कर्ज दिया था। इससे पहले नवंबर 2021 में भारत ने 100 टन नाइट्रोजन लिक्विड फर्टिलाइजर श्रीलंका को दिया क्योंकि वहां की सरकार ने केमिकल फर्टिलाइजर के आयात पर रोक लगा दी थी।

600 मिलियन डालर की है जरूरत- विक्रमसिंघे

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने कहा है कि श्रीलंका में उर्वरकों की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए 600 मिलियन डालर की जरूरत है। वे कृषि विभाग के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे थे। मुलाकात में मौजूद अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि यदि बैंकों से डालर रिलीज होता है तो फर्टिलाइजर कंपनियां जरूरत के अनुसार फर्टिलाइजर की सप्लाई करेंगी। प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों से कृषि उत्पादों को बढ़ाने की गुजारिश की ताकि खाने की किल्लत से बचा जा सके। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि वे संसद में नया बिल पेश करने वाले हैं। इस बिल के आने के बाद सप्लाई में कोई बाधा नहीं आएगी।

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