कांग्रेस की करारी हार पर शिवसेना का तंज, कहा- पेंशनर क्लब से घिरे हैं राहुल गांधी

Lok Sabha Election 2019 में कांग्रेस की करारी हार पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने तंज कसते हुए इसकी वजहें बताई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 27 May 2019 09:38 AM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 09:58 AM (IST)
कांग्रेस की करारी हार पर शिवसेना का तंज, कहा- पेंशनर क्लब से घिरे हैं राहुल गांधी
कांग्रेस की करारी हार पर शिवसेना का तंज, कहा- पेंशनर क्लब से घिरे हैं राहुल गांधी

नई दिल्ली, एजेंसी। Lok Sabha Election 2019 में कांग्रेस की करारी हार पर भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने तंज कसते हुए इसकी वजहें बताई है। शिवसेना ने इसके लिए खुद राहुल गांधी को जिम्‍मेदार बताते हुए उन पर वंशवाद और पेंशनधारी क्लब से घिरे होने का आरोप लगाया। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी वंशवाद और पेंशनर क्लब से घिरे हुए हैं और यही कारण है कि आज कांग्रेस की ऐसी स्थिति हो गई है।

संपादकीय में शिवसेना ने लिखा है कि राहुल गांधी जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा या राजीव गांधी नहीं हैं। वह केवल सोनिया गांधी के बेटे हैं। राहुल गांधी का व्‍यक्तित्‍व भी लोगों को आकर्षित नहीं करता है। यहां तक कि उनके बोलने की शैली प्रभावी नहीं है। वह लोगों के बीच लीक से हटकर कोई विचार नहीं रख पाते हैं। ऐसे में देश के युवा उनसे क्‍यों प्रेरणा लें। इसके साथ ही मुखपत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की तारीफ की गई है।  

शिवसेना ने कांग्रेस पार्टी के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस पार्टी का आगे क्या होगा इसका किसी को कोई अंदाजा नहीं है। राहुल ने पार्टी अध्‍यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की लेकिन सदस्‍यों ने इसे स्वीकार नहीं किया। राहुल की पहलकदमी से स्‍पष्‍ट हुआ कि पार्टी अध्‍यक्ष गांधी  परिवार से बाहर का होना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी वंशवाद से उबर नहीं पा रही है।

शिवसेना ने तंज किया है कि प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव में लाया गया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं  दिखाई दिया। उत्‍तर प्रदेश में जहां पहले दो सीटें थीं अब वहां एक है, यहां तक कि राहुल खुद अमेठी से हार गए। उत्‍तर प्रदेश, बिहार और महाराष्‍ट्र और गुजरात में 194 सीटें हैं, लेकिन कांग्रेस ने केवल तीन सीटें जीत पाई। इससे साफ पता चलता है कि 134 साल पुरानी कांग्रेस के लिए यह आखिरी झटका है। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी