एससी-एसटी कानून पर सरकार के रवैये से खफा भाजपा सांसद

उत्तर प्रदेश के बहराइच से फायरब्रांड दलित सांसद सावित्रीबाई फुले ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 01 Aug 2018 05:38 PM (IST) Updated:Wed, 01 Aug 2018 05:44 PM (IST)
एससी-एसटी कानून पर सरकार के रवैये से खफा भाजपा सांसद
एससी-एसटी कानून पर सरकार के रवैये से खफा भाजपा सांसद

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एससी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब सरकार के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही इस मामले पर मोदी सरकार की सहयोगी पार्टी लोजपा, सरकार से आर्डिनेंस ला कर इस फैसले को बदलने की बात कह चुकी है। वहीं अब उत्तर प्रदेश के बहराइच से फायरब्रांड दलित सांसद सावित्रीबाई फुले ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

भाजपा की महिला सांसद ने देशभर में दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को मुद्दा बनाया है। उन्होंने कहा कि देश में कभी अनुसूचित जाति के लोगों की मूंछ उखाड़ी जा रही हैं तो कहीं घोड़ी पर सवार अनुसूचित जाति के शख्स को गोली मारी जा रही है। कहीं बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है तो कहीं बाबा साहब भीमराव अंबेडर की मूर्तियां लगातार तोड़ी जा रही हैं। लेकिन, दोषियों की गिरफ्तारी तक नहीं हो पा रही है। सांसद ने सरकार से पूछा है कि क्या देश दलितों और पिछड़े का नही है?

भाजपा सांसद सावित्रीबाई फुले ने साफ कहा है कि एससी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हे मंजूर नहीं है। एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया गया है, और उस पर लोकसभा में चर्चा करवाकर उससे भी मजबूत कानून बनाया जाए। साथ ही उन्होने सरकार से मांग की है कि 2 अप्रैल को देशभर में दलित बंद के आयोजन के दौरान दलितों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फुले ने कहा कि वो सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण जारी रखने के सरकार का बयान का स्वागत करती है, लेकिन पदोन्नति में आरक्षण का बिल जो लंबित पड़ा है, उस पर भी लोकसभा में चर्चा करवाकर उसे संविधान की नौवीं सूची में डालने की बात कही है।

फुले ने कहा कि वो सरकार और पार्टी का विरोध नहीं कर रहीं। वो सत्ताधारी दल का हिस्सा है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी है कि सरकार से लड़कर बहुजन समाज को उसका अधिकार दिलाया जाए। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी पार्टी के कई दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

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