निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर पीएम मोदी के तंज पर पुडुचेरी के सीएम ने किया पलटवार

पुडुचेरी में कांग्रेस पर निकाय चुनाव नहीं कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तंज पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पलटवार किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने राज्य में निकाय चुनाव नहीं कराने का आरोप राज्यपाल किरण बेदी पर लगाया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 11:07 PM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 11:07 PM (IST)
निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर पीएम मोदी के तंज पर पुडुचेरी के सीएम ने किया पलटवार
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और राज्यपाल किरण बेदी की फाइल फोटो।

पुडुचेरी, प्रेट्र। पुडुचेरी में कांग्रेस पर निकाय चुनाव नहीं कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तंज पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पलटवार किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने राज्य में निकाय चुनाव नहीं कराने का आरोप राज्यपाल किरण बेदी पर लगाया है। कांग्रेस का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री मोदी कहा कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग उन्हें दिनभर कोसते हैं और लोकतंत्र का पाठ सिखा रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद वह खुद पुडुचेरी में पंचायत चुनाव तक नहीं करवा पा रहे हैं। निकाय चुनाव नहीं कराने वाली कांग्रेस हमें लोकतंत्र पर उपदेश न दे। वहीं, जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के एक वर्ष के भीतर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए हैं।

पुडुचेरी में राज्यपाल ने छीन लिए हैं सरकार के अधिकार

मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा, 'प्रधानमंत्री को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए क्योंकि चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार के सभी अधिकार राज्यपाल किरण बेदी ने छीन दिए हैं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में चुनी गई सरकार के सभी अधिकारों को राज्यपाल ने हड़प लिया है।' मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) की नियुक्ति समेत निकाय चुनाव कराने से जुड़े विभिन्न मसले इस समय अदालत के समक्ष हैं। 

एसईसी नियुक्त करने के मामले में मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित 

राज्य सरकार ने रिटायर्ड आइएएस टीएम बालाकृष्णन को एसईसी नियुक्त किया था, जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया। इसके बाद केंद्र की मंजूरी के बाद राज्यपाल ने रिटायर्ड आइएफएस अधिकारी रॉय पी थॉमस को चुनाव आयुक्त बना दिया। राज्य सरकार ने एसईसी नियुक्त करने के मामले में राज्यपाल के अधिकारों को चुनौती दी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 

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