प्रल्हाद प्रह्लाद जोशी का आरोप, नकली गांधी के कहने पर गांधी प्रतिमा के समक्ष दिया गया धरना

प्रल्हाद जोशी ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने वाले विपक्ष के सांसदों पर हमला बोलते हुए कहा उनका गांधीजी के सिद्धांतों पर कोई विश्वास नहीं है। वे नकली गांधी के कहने पर गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 09:21 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 09:21 PM (IST)
प्रल्हाद प्रह्लाद जोशी का आरोप, नकली गांधी के कहने पर गांधी प्रतिमा के समक्ष दिया गया धरना
प्रल्हाद जोशी ने राहुल गांधी को नकली गांधी कहा।

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद में विपक्ष संख्या बल के आधार पर सरकार से मुकाबला करे, धमकाने और अराजकता पैदा करने वाले कार्यो से दबाव न बनाए। यह बात केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कही है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर संसद में बेवजह हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आत्ममंथन करें कि उनके सांसद सकारात्मक बहस में हिस्सा लेने की जगह सदन से अक्सर गैरहाजिर क्यों रहते हैं। जोशी ने गैरहाजिर रहने वाले सांसदों में खासतौर पर कांग्रेस के राहुल गांधी का नाम लिया।

जोशी ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने वाले विपक्ष के सांसदों पर हमला बोलते हुए कहा, उनका गांधीजी के सिद्धांतों पर कोई विश्वास नहीं है। वे नकली गांधी के कहने पर गांधी प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठे। नकली गांधी से जोशी का आशय कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार से था।

सांसदों के कृत्य की निंदा की

संसदीय कार्य मंत्री ने राज्यसभा में उप सभापति के आसन पर चढ़कर माइक्रोफोन को नुकसान पहुंचाने और वहां रखी रूल बुक फाड़ने के विपक्षी सांसदों के कृत्य की भी निंदा की। कहा, वह स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला दिन था और विपक्ष के नाम पर धब्बा था।

उल्लेखनीय है कि कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा हुआ था। इसी के बाद विपक्ष के आठ सांसदों को बाकी सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। बाद में इन्हीं विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष पूरी रात धरना दिया था।

कृषि विधेयक को लेकर हुआ था भारी विरोध

गौरतलब है कि कृषि विधेयकों के जरिए कृषि सुधार से संबंधित तीन विधेयक (कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक, आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन विधेयक) इस दौरान पारित किए गए। इनका जबरदस्‍त विरोध भी हुआ। मंडी कानून से अलग एक केंद्रीय कानून के साथ कॉन्‍ट्रेक्‍ट फार्मिंग के विधेयक को सदन में पास कर दिया गया।

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