CJI के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर 7 दलों का समर्थन, उप-राष्ट्रपति से मिले

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष का महाभियोग प्रस्ताव। सात विपक्षी दलों के नेताओं ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Fri, 20 Apr 2018 07:43 AM (IST) Updated:Fri, 20 Apr 2018 01:45 PM (IST)
CJI के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर 7 दलों का समर्थन, उप-राष्ट्रपति से मिले
CJI के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव पर 7 दलों का समर्थन, उप-राष्ट्रपति से मिले

नई दिल्ली (आइएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष ने महाभियोग नोटिस दिया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत विपक्षी दलों के नेता आज (शुक्रवार) राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिले और महाभियोग प्रस्ताव सौंपा। महाभियोग प्रस्ताव पर 7 विपक्षी दलों ने नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।

हमने CJI को हटाने की 5 वजहें दीं: गुलाम नबी
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, '7 दलों ने उप-राष्ट्रपति को सीजेआइ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दिया है। जिस पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें 7 रिटायर हो चुके हैं। हालांकि फिर भी यह संख्या पर्याप्त है।' उन्होंने कहा कि महाभियोग के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या है। हमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीएम, सीपीआइ और मुस्लिम लीग का समर्थन हासिल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीजेआइ को हटाने की पांच वजहें बताई गई हैं। 

CJI को हटाया जाए: सिब्बल
वहीं, महाभियोग प्रस्ताव को सौंपने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, उम्मीद है कि उप-राष्ट्रपति प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते थे कि यह दिन कभी आए। लेकिन खराब व्यवहार को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को हटाया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, CJI दीपक मिश्रा द्वारा लिए गए प्रशासनिक फैसलों पर सवाल उठे हैं। सुप्रीम कोर्ट की जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भी अब तक कुछ नहीं बदला है। सु्प्रीम कोर्ट के जजों ने खुद बाहर आकर कहा था कि अगर चीफ जस्टिस का ऐसा ही रवैया जारी रहा तो लोकतंत्र खतरे में है। 

ये नेता उप- राष्ट्रपति से मिले
सीजेआइ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लेकर उपराष्ट्रपति से मिलने गए विपक्षी नेताओं में गुलाम नबी आजाद, केटीएस तुलसी, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, एनसीपी की वंदना चौहान, सीपीआइ के डी. राजा शामिल थे। हालांकि आरजेडी और टीएमसी अभी महाभियोग प्रस्ताव की मुहिम से दूर हैं।

इन सात पार्टियों का समर्थन हासिल
सीजेआइ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए सात पार्टियां एकजुट हैं। ये सात पार्टियां- कांग्रेस, सीपीआइ, सीपीएम, एनसीपी, बसपा, मुस्लिम लीग और समाजवादी पार्टी हैं।

संसद के बजट सत्र में भी हुआ था हंगामा
गौरतलब है कि हाल में संपन्न संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस ने सीजेआइ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए राज्यसभा के 50 से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर हासिल करने की पहल शुरू की थी। लेकिन तृणमूल कांग्रेस जैसे कुछ दलों की आपत्तियों के कारण उसने अपनी इस पहल को रोक दिया और कहा कि वह इस मुद्दे पर अधिक से अधिक समर्थन जुटाने का प्रयास करेगी।

12 जनवरी को 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठा विवाद 
बता दें कि चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर चर्चा सबसे पहले 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हुई थी। कांग्रेस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सबसे बड़ी अदालत के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जज लोया की मौत के मामले को चिंता का विषय बताया था।

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