प्रधानमंत्री के लिए एक मंत्री और यशवंत सिन्हा के लिए सीएम सहित पूरी कैबिनेट, ये है तेलंगाना

कहते हैं कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। इसलिए राजनीति विरोध करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दुश्मनी वहीं तक की जाए कि दोस्ती की गुंजाइश बनी रहे। दुर्भाग्य से के चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं का राजनीतिक आचरण निराश करने वाला है।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 10:10 AM (IST)
प्रधानमंत्री के लिए एक मंत्री और यशवंत सिन्हा के लिए सीएम सहित पूरी कैबिनेट, ये है तेलंगाना
पीएम मोदी और यशवंत सिन्हा के आगमन से पहले तेलंगाना में केसीआर का राजनीतिक दांव।

ब्रजबिहारी, नई दिल्ली। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद सुर्खियों में है। आज भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (BJP National Executive Meeting) शुरू हुई है। इसमें भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पार्टी के सभी शीर्ष पदाधिकारी यहां पहुंच रहे हैं। साथ ही आगमन हो रहा है राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का। राजनीति की विडंबना देखिए कि प्रधानमंत्री को हवाईअड्डे पर रिसीव करने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) सरकार के सिर्फ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि यशवंत सिन्हा का स्वागत करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव तो उपस्थित रहेंगे ही, साथ में उनका पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहेगा।

पीएम के स्वागत से दूरी

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शनिवार को शाम चार बजे से शुरू हो रही है। वर्ष 2022 और 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से अहम इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज हैदराबाद पहुंचेंगे। उनसे थोड़ी देर पहले विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी टीआरएस का समर्थन हासिल करने के लिए हैदराबाद पहुंच रहे हैं। उनके स्वागत के लिए खुद मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ उपस्थित रहेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सिर्फ एक मंत्री मौजूद रहेगा।

छह महीने में तीसरा मौका

यह पहला अवसर नहीं है जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने ऐसा आचरण किया है। इससे पहले दो मौकों पर वे पीएम के राज्य में आगमन पर उनकी उपेक्षा कर चुके हैं। पीएम मई में इंडियन स्कूल आफ बिजनेस (ISB) के कार्यक्रम में शामिल होने हैदराबाद गए थे, लेकिन राज्य के सीएम उनका स्वागत करने के बजाय उस दिन बेंगलुरु में थे।

अनुचित आचरण

राजनीति अपनी जगह है लेकिन के चंद्रशेखर राव के इस आचरण को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। आप यशवंत सिन्हा के स्वागत में गाजे-बाजे के साथ पलक पावड़े बिछा देते, इससे किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है लेकिन आपको प्रधानमंत्री पद की गरिमा का तो ध्यान रखना चाहिए। यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका तलाश रहे हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ वे भावी पीएम पद के दूसरे दावेदार के रूप में अपनी दमदार उपस्थिति बनाए रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि इसी तरह की हरकतें की जाएं जिससे की सुर्खियां मिलती रहें। अब प्रधानमंत्री को लेकर कोई गलत आचरण करने से बेहतर प्रचार पाने का और क्या तरीका हो सकता है।

वे भी क्या दिन थे

इसका कोई लिखित प्रोटोकाल नहीं है कि किसी राज्य में प्रधानमंत्री के आगमन पर खुद मुख्यमंत्री को उनका स्वागत करने के लिए आना चाहिए, लेकिन यह स्थापित परंपरा रही है कि राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसा ही करते आए हैं। पक्ष और विपक्ष में इस तरह की कटुता का कोई स्थान नहीं होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से इस प्रवृत्ति में कमी के बजाय बढ़ोतरी हो रही है। एक जमाना था जब जीते हुए नेता हारे हुए नेता के पास जाकर उसे सांत्वना देते थे और हारा हुआ उम्मीदवार भी जीते हुए की खुशी में शामिल होकर मिठाई खाता था। अब तो हालत यह है कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है और अमर्यादित आचरण किया जा रहा है।

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