Delhi Coronavirus News Update: पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी ने 93 साल की उम्र में कोरोना को हराया

Delhi Coronavirus News Update एम्स मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल के नेतृत्व में उनका इलाज किया गया। पांच जून को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 08:28 AM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2020 08:28 AM (IST)
Delhi Coronavirus News Update: पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी ने 93 साल की उम्र में कोरोना को हराया
Delhi Coronavirus News Update: पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी ने 93 साल की उम्र में कोरोना को हराया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Delhi Coronavirus News Update:  पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा ने 93 वर्ष की उम्र में कोरोना को मात दी। उन्हें पहले से हृदय व फेफडे़ की बीमारी भी है। इन तमाम जोखिमों से जुझते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में बेहतर इलाज व दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर वे स्वस्थ्य होकर बृहस्पतिवार शाम घर लौट आई। उनके पुत्र आशुतोष दयाल शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह 93 साल की उम्र में हृदय व फेफडे़ की बीमारी होने के बावजूद ईश्वर की कृपा से ठीक होकर वापस घर आई हैं। लोगों को कोरोना की बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। घबराने के बजाय यदि लोग मजबूती से इसका सामना करेंगे तो परिणाम बेहतर ही आएगा, इसलिए कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर यह जरूरी है कि मन में सकारात्मक भाव रखें।

एम्स मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल के नेतृत्व में उनका इलाज किया गया। पांच जून को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण छह जून को उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। इस तरह वह करीब 19 दिन तक एम्स में भर्ती रहीं। इस दौरान उन्हें आइसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट भी दिया गया। उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद एम्स से छुट्टी दे दी गई। उनके ऑक्सीजन का स्तर भी 94-95 फीसद रह रहा है। हालांकि उन्हें घर पर भी ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है।

डॉक्टर कहते हैं कि जिस वक्त उन्हें एम्स में लाया गया था तब उनकी हालत गंभीर थी। पहले से हृदय व फेफडे़ की बीमारी होने से उनका इलाज डॉक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण था। उनकी हालत के अनुसार उन्हें सपोíटव इलाज किया गया। यदि सही समय पर इलाज मिले तो पुरानी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की जिंदगी भी बचाई जा सकती है।

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