एडीआर ने महिला अपराध के आरोपित सांसदों का लेकर किया दावा, जानें किसके हैं ज्‍यादा सांसद

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि लोकसभा में वर्ष 2009 में महिला अपराध के आरोपों से घिरे सांसदों की संख्या सिर्फ दो थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 19 हो गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 12:42 AM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 12:42 AM (IST)
एडीआर ने महिला अपराध के आरोपित सांसदों का लेकर किया दावा, जानें किसके हैं ज्‍यादा सांसद
एडीआर ने महिला अपराध के आरोपित सांसदों का लेकर किया दावा, जानें किसके हैं ज्‍यादा सांसद

नई दिल्ली, प्रेट्र। महिलाओं से जुड़े अपराध के आरोपों से घिरे सबसे ज्यादा सांसद भाजपा में हैं। पार्टी में ऐसे सांसदों की संख्या 21 है। इस मामले में कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। इसके 16 सांसद महिला अपराध के आरोपों से घिरे हैं। तीसरे स्थान पर वाइएसआर कांग्रेस पार्टी है, जिसके सात सांसद महिला अपराधों के आरोपित हैं। चुनावों की निगरानी करने वाले गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉ‌र्म्स (एडीआर) ने यह दावा किया है।

2019 में आरोपित सांसदों की संख्‍या बढ़ी

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि लोकसभा में वर्ष 2009 में महिला अपराध के आरोपों से घिरे सांसदों की संख्या सिर्फ दो थी, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 19 हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 'तीन सांसद और छह विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने दुष्कर्म से जुड़े मामलों की घोषणा की है.. पिछले पांच वर्षो में मान्यता प्राप्त दलों ने 41 उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिन्होंने दुष्कर्म से संबंधित मामले घोषित किए थे।' इस अवधि में भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोपित 66 उम्मीदवारों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट दिए। कांग्रेस ने ऐसे 46 व बसपा ने 40 प्रत्याशी उतारे।

महिला अपराधों के आरोपों से घिरे प्रत्‍याशियों की संख्‍या बढ़ी

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वाच ने कहा कि उसने वर्तमान 759 सांसदों और 4,063 विधायकों के 4,896 चुनावी हलफनामों में से 4,822 का विश्लेषण किया। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में महिला अपराधों के आरोपों से घिरे लोकसभा प्रत्याशियों की संख्या 38 से बढ़कर 126 हो गई। बंगाल में ऐसे सर्वाधिक 16 सांसद व विधायक हैं, जिन्होंने महिला अपराधों के आरोपों की घोषणा की। इसके बाद ओडिशा और महाराष्ट्र आते हैं, जहां ऐसे 12-12 सांसद व विधायक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 'ऐसे 572 प्रत्याशियों ने पिछले पांच वर्षो में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उनमें से अब तक किसी को भी सजा नहीं हुई है।'

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