मायावती ने गिनाईं कांग्रेस की गलतियां, फिर किया समर्थन का एलान, बोलीं- BJP को है रोकना

मायावती का कहना है कि वह भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस का समर्थन करने जा रही हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा कि भाजपा को अपनी गलत नीतियों के कारण हार का सामना करना पड़ा है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 12 Dec 2018 10:46 AM (IST) Updated:Wed, 12 Dec 2018 12:14 PM (IST)
मायावती ने गिनाईं कांग्रेस की गलतियां, फिर किया समर्थन का एलान, बोलीं- BJP को है रोकना
मायावती ने गिनाईं कांग्रेस की गलतियां, फिर किया समर्थन का एलान, बोलीं- BJP को है रोकना

नई दिल्‍ली, जेएनएन। मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर आ रही हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का एलान कर दिया है। मायावती का कहना है कि वह भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए कांग्रेस का समर्थन करने जा रही हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा कि भाजपा को अपनी गलत नीतियों के कारण हार का सामना करना पड़ा है।

मायावती ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बताया कि कांग्रेस ने ना चाहते हुए भी कांग्रेस को जिताया है। भाजपा को अपनी गलत नीतियों के कारण इन विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस इस जीत को अगामी लोकसभा चुनाव में भी भुनाने की पूरी कोशिश करेगी। चुनाव के दौरान मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में जनता गुस्‍से में थी। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा है।

उन्‍होंने कहा कि जनता कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं करना चाहती थी, लेकिन न चाहते हुए भी उन्‍हें कांग्रेस को जिताना पड़ा। जनता ने दिल पर पत्‍थर रखकर कांग्रेस को जिताया है। बसपा ने कांग्रेस और भाजपा को विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्‍कर दी। लेकिन हम ज्‍यादा सीट जीतने में कामयाब नहीं हुए। पूरी स्थिति को देखते हुए हमने मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला लिया है। अगर जरूरत पड़ती है, तो राजस्‍थान में भी हम कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं।

कांग्रेस और भाजपा दोनों पर मायावती ने दलितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, 'देखिए, कांग्रेस के शासन में दलितों की सबसे ज्‍यादा उपेक्षा हुई, जो भाजपा के राज में भी कम नहीं हुई। दलितों की अनदेखी हुई, इसी वजह से बहुजन समाज पार्टी का गठन हुआ था। लेकिन अभी तक दलितों के साथ अत्‍याचार कम नहीं हुई हैं।'

उन्‍होंने कहा, 'बसपा ने यह चुनाव भाजपा को सत्‍ता से बाहर करने के लिए लड़ा था। लेकिन दुख की बात यह है कि हमारी पार्टी इस मकसद में कामयाब नहीं हो पाई है। मुझे यह भी पता चला है कि मध्‍यप्रदेश में भाजपा अब भी जोड़तोड़ में जुटी हुई है। इसलिए भाजपा को रोकने के लिए हमारी पार्टी ने कांग्रेस की नीतियों के साथ समर्थन न जाते हुए भी मध्‍यप्रदेश में उन्‍हें समर्थन देने का फैसला किया है। इसका मकसद भाजपा को रोकना है। यदि राजस्‍थान में भी भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का अवसर आता है, तो बसपा इस पर भी विचार कर सकती है।'

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में मिली जीत से भले ही उत्साहित हो लेकिन वो दो राज्यों, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई है। इसीलिए अब उसके सामने सररकार बनाने की चुनौती आ गई है। अब उसे एक किंगमेकर की जरूरत है, जिसकी भूमिका मध्यप्रदेश में बसपा-सपा और  राजस्थान में निर्दलीय निभाने जा रहे हैं। सत्ता की चाबी अब इन्हीं के हाथ है और कांग्रेस को इन्हीं से हाथ मिलाना होगा।

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