Madhya Pradesh: भाजपा नेता की चेतावनी के बाद कमलनाथ आशंकित, विधायकों की निगरानी बढ़ाई

Madhya Pradesh कांग्रेस और भाजपा में सियासी प्रबंधन के रणनीतिकार भोपाल से लेकर दिल्ली तक यकायक सक्रिय हो गए हैं। विधायक दल की कमजोर कडि़यों को चिह्नित कर फोकस किया जा रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 10:48 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jul 2019 07:14 AM (IST)
Madhya Pradesh: भाजपा नेता की चेतावनी के बाद कमलनाथ आशंकित, विधायकों की निगरानी बढ़ाई
Madhya Pradesh: भाजपा नेता की चेतावनी के बाद कमलनाथ आशंकित, विधायकों की निगरानी बढ़ाई

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में बदले राजनीतिक हालात के बाद भाजपा की ओर से होने वाले संभावित पलटवार से कमलनाथ सरकार आशंकित है। यही वजह है कि वह सतर्क भी हो गई है। हार्स ट्रेडिंग से विधायकों को बचाने की कवायद तेज हो गई है। भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने अपनी कमजोर कडि़यों की निगरानी बढ़ा दी है। कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने के लिए मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कांग्रेस और भाजपा में सियासी प्रबंधन के रणनीतिकार भोपाल से लेकर दिल्ली तक यकायक सक्रिय हो गए हैं। विधायक दल की कमजोर कडि़यों को चिह्नित कर फोकस किया जा रहा है। दोनों ही दलों में इस आशंका को लेकर सतर्कता बढ़ गई है।

निजी चर्चा में भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल का असंतोष वह समझ नहीं पाए और धीरे-धीरे वह कांग्रेस के पाले में चले गए, लेकिन यह भी दावा किया जा रहा है कि दोनों विधायकों द्वारा कमलनाथ सरकार को समर्थन देने का एलान करने से फिलहाल दलबदल जैसी कोई स्थिति नहीं है। उधर, पाला बदलने के बाद सरकार ने दोनों विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंत्रियों को भी जवाबदारी सौंपी गई है कि अपने क्षेत्र के विधायकों से लगातार संपर्क में बने रहें।

कांग्रेस का दावा-भाजपा के पांच विधायक और संपर्क में

कांग्रेस संगठन के दिग्गज नेता और मंत्रिगण गुरुवार को यह दावा करते रहे कि विधानसभा में मत विभाजन के जरिये हुआ फ्लोर टेस्ट (दो विधायकों की टूट) तो ट्रेलर मात्र है, अभी भाजपा के पांच अन्य विधायक भी उनके लगातार संपर्क में हैं। हालांकि, सतर्कता का माहौल कांग्रेस में भी है। निर्दलीयों के अलावा पार्टी के कुछ असंतुष्ट विधायकों पर नजर रखी जा रही है, जो वरिष्ठता के बावजूद मंत्री नहीं बनाए जाने से व्यथित हैं। सपा-बसपा विधायकों के सारे काम प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश भी सभी मंत्रियों को दे दिए गए हैं।

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कांग्रेस भी मान रही, भाजपा चुप नहीं बैठेगी

कर्नाटक में कुमार स्वामी सरकार गिरने के बाद ही मप्र में कांग्रेस सरकार को लेकर बयानबाजी भी तेज हो गई थी। भाजपा नेता कहते रहे हैं कि कर्नाटक से चली हवा अब मप्र तक पहुंचेगी, क्योंकि प्रदेश में लूटखसोट का माहौल है। दो विधायकों के टूटने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी एलान किया था कि खेल कांग्रेस ने शुरू किया खत्म हम करेंगे। कांग्रेस की घबराहट का कारण दरअसल नरोत्तम मिश्रा का यह बयान भी है। पार्टी नेता मान कर चल रहे हैं कि भाजपा चुप नहीं बैठेगी। कुछ न कुछ जरूर करेगी।

मजबूती से जमी है सरकार

प्रदेश में कमलनाथ की सरकार अंगद के पैर की तरह पूर्ण बहुमत के साथ मजबूती से जमी हुई है। कांग्रेस विधायक दल और सहयोगी विधायक एकजुट हैं और कहीं कोई कमजोर अथवा टूटने वाली कड़ी नहीं है।

- नरेंद्र सलूजा, मीडिया समन्वयक, मप्र कांग्रेस अध्यक्ष

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