कर्नाटक में डांवाडोल कुमारस्‍वामी की सरकार, देवगौड़ा मीडिया पर फोड़ रहे ठीकरा

विधानसभा चुनावों के करीब सात माह बाद कर्नाटक में फिर सत्ता का नाटक शुरू हो गया है। मंगलवार को दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने सरकार से समर्थन वापस लिया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 09:21 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 09:24 AM (IST)
कर्नाटक में डांवाडोल कुमारस्‍वामी की सरकार, देवगौड़ा मीडिया पर फोड़ रहे ठीकरा
कर्नाटक में डांवाडोल कुमारस्‍वामी की सरकार, देवगौड़ा मीडिया पर फोड़ रहे ठीकरा

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कर्नाटक में एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार पर संकट के बादल छा रहे हैं। सरकार की डांवाडोल स्थिति पर दिल्‍ली में भी चर्चा हो रही है। सरकार से दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. जिसके बाद कर्नाटक की राजनीति में एक भूचाल सा आ गया है। लेकिन जेडीएस अध्‍यक्ष देवगौड़ा का कहना है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है, मीडिया इस मुद्दे को ज्‍यादा तूल दे रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्‍युलर (जेडीएस) के अध्‍यक्ष एचडी देवगौड़ा ने कहा, 'कर्नाटक की सरकार पर कोई संकट नहीं है। सरकार से जिन दो विधायकों ने समर्थन वापस लिया है, वे किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं थे। दोनों ही विधायकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसलिए निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने को ज्‍यादा प्रचारित करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। लेकिन मीडिया इस मुद्दे को कुछ ज्‍यादा ही तूल दे रहा है, ऐसा नहीं होना चाहिए।'

कर्नाटक की राजनीति में चल रही उठा-पटक पर मीडिया में आ रही खबरों पर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि अगर दो विधायक अपना समर्थन वापस लेते हैं तो हमारा नंबर क्या होगा? मैं पूरी तरह निश्चिंत हूं। मैं अपनी ताकत जानता हूं। पिछले सप्ताह से मीडिया में जो कुछ भी चल रहा है, मैं उसका आनंद ले रहा हूं। कुमारस्‍वामी का ये बयान मीडिया पर तंज ही था। लेकिन देवगौड़ा ने तो सीधे-सीधे मीडिया पर ही मुद्दे को तूल देने का आरोप लगा दिया है।

दरअसल, विधानसभा चुनावों के करीब सात माह बाद कर्नाटक में फिर सत्ता का नाटक शुरू हो गया है। मंगलवार को दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने सरकार से समर्थन वापस लिया है। हालांकि, सरकार गिरने जैसे अभी कोई आसार नही हैं। गौरतलब है कि 224 विधायकों वाली कर्नाटक सरकार में बहुमत का आंकड़ा 113 है, जबकि कुमारस्वामी के पास अभी भी 117 विधायकों का समर्थन है। वहीं प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन ने भाजपा पर 'ऑपरेशन लोटस' के तहत विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उलटा कांग्रेस-जदएस गठबंधन भाजपा विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। लिहाजा पार्टी के सभी विधायकों को गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया है।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा की कोशिश है कि ये 13 विधायक जल्द से जल्द इस्तीफा दे दें। भाजपा अगले हफ्ते प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है। बताते चलें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें हासिल हुई थीं और पार्टी नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी, लेकिन बाद में कांग्रेस और जेडीएस ने हाथ मिलाकर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बना ली थी।

समर्थन वापसी के बाद क्या बोले निर्दलीय विधायक

निर्दलीय विधायक आर शंकर ने कहा कि आज मकर संक्रांति है और इस दिन हम सरकार में परिवर्तन चाहते हैं, इसीलिए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहा हूं। वहीं दूसरे निर्दलीय विधायक एच नागेश ने कहा कि गठबंधन सरकार को मेरा समर्थन अच्छी और स्थिर सरकार प्रदान करने के लिए था, जो पूरी तरह से विफल रहा।गठबंधन सहयोगियों के बीच तालमेल नहीं है। इसीलिए, मैंने मजबूत सरकार के लिए भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है।

ये है रणनीति

दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस ने मिलकर सरकार तो बना ली थी, लेकिन उनके पास बड़ा बहुमत नहीं है। ऐसे में अगर 13 विधायकों ने इस्तीफा दिया तो दिक्कत बढ़ जाएगी। रविवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने भी माना था कि तीन कांग्रेस विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस बारे में जब उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर से पूछा गया तो उनका जवाब था, 'उन्हें रहने दीजिए.. वे वहां क्यों गए हैं, कोई नहीं जानता। वे छुट्टियां मनाने गए होंगे या मंदिर दर्शन को गए होंगे या फिर नेताओं से मिलने गए होंगे।'

chat bot
आपका साथी