Aarey Colony tree cutting case: सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक, दिए ये निर्देश

Aarey Colony tree cutting case सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मामले में आगे पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। कॉलोनी में मेट्रो शेड के लिए 2700 पेड़ काटने की योजना थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 09:01 AM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 12:20 PM (IST)
Aarey Colony tree cutting case: सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक, दिए ये निर्देश
Aarey Colony tree cutting case: सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक, दिए ये निर्देश

नई दिल्‍ली, एजेंसी/ब्‍यूरो। Aarey Colony tree cutting सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए और पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने सोमवार को महाराष्‍ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह अब कोई पेड़ नहीं काटें... अदालत ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी। महाराष्‍ट्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्‍वस्‍त किया कि राज्‍य सरकार की ओर से अब इस इलाके में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। 

इको सेंस्टिव जोन है या नहीं दस्‍तावेज दें 

पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता, छात्र और स्थानीय लोग पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। छात्रों की ओर से अधिवक्‍ता संजय हेगड़े ने दलीलें रखीं। पीठ ने कहा कि आरे वन ना तो विकास क्षेत्र है और ना ही इको सेंस्टिव जोन है, जैसा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने पूछा कि हमें बताएं कि यह इलाका क्‍या एक इको सेंस्टिव जोन है या नहीं! हम इसकी वास्‍तविकता जानना चाहते हैं। आप हमें दस्‍तावेज उपलब्ध कराएं...  अदालत ने साफ कहा कि आरे के जंगल को राज्य सरकार ने अवर्गीकृत वन समझा, जहां पेड़ों की कटाई अवैध है।  

सामाजिक कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करें 

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं को अब तक रिहा नहीं किया गया है उन्‍हें तुरंत रिहा किया जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्‍वस्‍त किया कि सभी को तत्‍काल प्रभाव से रिहा कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक यथास्थिति बहाल रखी जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि केस में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी एक पार्टी के तौर पर शामिल किया जाए। अगली सुनवाई 21 अक्‍टूबर को होगी। 

कुल 2,700 पेड़ काटने की योजना थी 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब बाकी बचे 1,200 (रिपोर्टों का आंकड़ा) पेड़ों की कटाई रुक गई है। आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड बनाने के लिए कुल 2,700 पेड़ काटने की योजना है। इससे पहले आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। रिपोर्टों की मानें तो शुक्रवार को उच्‍च न्‍यायालय का फैसला आने के बाद रात को नौ बजे के बाद दो घंटे के भीतर मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (MMRCL) ने इलेक्ट्रिक मशीन से 450 पेड़ों को काट दिया था। कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों की ओर से पेड़ों को काटे जाने के विरोध में लिखे गए पत्र को शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर लेते हुए सुनवाई के लिए विशेष पीठ गठित की थी।  

आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू 

महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का मुंबई समेत देश भर में भारी विरोध हो रहा है। बताया जाता है कि एमएमआरसीएल ने मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए 2,646 पेड़ों को काटने की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 70 लोगों की टीम भेजी थी जिसका लोगों ने विरोध करना शुरू किया था। विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई और 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

Mumbai's #AareyForest matter: 29 protesters were released from Thane jail after bail was granted to them yesterday. They were arrested from Aarey on charges of disturbing public order & obstructing govt officials from performing their duties. pic.twitter.com/3oOSLVaXv9

— ANI (@ANI) October 7, 2019

अदालत से प्रदर्शनकारियों को चेतावनी 

फ‍िलहाल, पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है। यही नहीं जिन 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं। अभी तक 40 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को स्‍थानीय अदालत ने जमानत दे दी है। अदालत ने यह भी चेतावनी दी है कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।

सियासत भी तेज, बचाव में भाजपा 

इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने पार्टी नेता प्रियंका चतुर्वेदी समेत अन्य प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी पर सीधे केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा था कि वैश्विक मंचों पर पर्यावरण बचाने के पक्ष में तमाम बातें की जा रही हैं, लेकिन आरे कॉलोनी में इकोसिस्टम तबाह किया जा रहा है। यही नहीं तमाम नेता राज्‍य के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की आलोचना भी कर रहे हैं। फ‍िलहाल, भाजपा ने बचाव में कहा है कि मुख्‍यमंत्री तो केवल हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करा रहे हैं। 

...सियासी रंग नहीं लेगा मामला 

चूंकि, महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं ऐसे में यह मसला राज्‍य की सियासत के केंद्र में आ गया है। शिवसेना समेत पूरा विपक्ष भाजपा को कटघरे में खड़ा करने की कोशिशों में जुटा है। वहीं, सरकार भी लोगों के विरोध को देखते हुए खुलकर सामने नहीं आ रही है। फ‍िलहाल, पेड़ों की कटाई को लेकर माहौल गर्म है, लोग इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। वहीं, सियासी दलों को अपनी राजनीति चमकाने का एक मौका मिल गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ताजे फैसले से उम्‍मीद है कि यह मामला अब सियासी रंग नहीं लेगा... 

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