तंत्र के जरिये कोई कर रहा टिकट का दावा, तो कोई कर रहा मंत्रों के दम पर जीत का वादा

छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मियां तेज होने के साथ ही यहां पर टिकट दिलाने से लेकर जीत दिलाने तक का दावा करने वाले बाबाओं की दुकान भी सज गई है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 11:53 AM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 11:53 AM (IST)
तंत्र के जरिये कोई कर रहा टिकट का दावा, तो कोई कर रहा मंत्रों के दम पर जीत का वादा
तंत्र के जरिये कोई कर रहा टिकट का दावा, तो कोई कर रहा मंत्रों के दम पर जीत का वादा

रायपुर (संजीत कुमार)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां और टिकट के दावेदारों का सक्रिय होना स्वभाविक है। इनके साथ ही कुछ और लोगों की भी दुकानें सजने लगी हैं। इनमें चुनाव प्रचार सामग्री बनाने वालों से लेकर रैली के लिए कार्यकर्ता सप्लाई करने वाले भी शामिल हैं। इन सब के बीच तथाकथित बाबा और तांत्रिकों की भी दुकानदारी बढ़ गई है। इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले फ्लेक्स और होर्डिग्स तानकर अपना प्रचार कर रहे हैं।

प्रतिद्वंद्वियों के वशीकरण का भी दावा

राजधानी रायपुर के कुछ इलाकों में दीवारों पर एक तांत्रिक बाबा का पंफलेट चस्पा है। इसमें बाबा ने चुनाव में शत प्रतिशत जीत का वादा किया है। बाबा का दावा है कि वह अपने मंत्रों के दम पर प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों को वश में कर लेगा और वे खुद-ब-खुद हार जाएंगे।

धर्मस्थलों का बढ़ा दौरा 

धर्मस्थलों पर खादी वालों का चक्कर बढ़ गया है। शहर के आकाशवाणी चौक स्थित काली मंदिर में आने वाले नेताओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकान लगाने वालों के अनुसार करीब महीनेभर से बिक्री बढ़ गई है, खास कर मंगलवार को तो कुछ ज्यादा ही भीड़ रहती है।

भाजपा की चौथी पारी के लिए तंत्र साधना 

करीब महीनेभर पहले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा पहुंचे एक तांत्रिक बाबा ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। तांत्रिक रामलाल कश्यप ने दावा किया था कि वह भाजपा की चौथी पारी के लिए तंत्र साधना कर रहा है। विधानसभा की मिट्टी और मुख्यमंत्री की तस्वीर लेकर वह करीब महीनेभर तक साधना भी करता रहा।

प्रमुख राजनीतिक दल भी फंसे टोटके में 

सत्ता हासिल करने की जोड़तोड़ में लगी भाजपा और कांग्रेस भी टोटकों में लगी हुई है। इसी वजह से भाजपा ने अपना सर्वसुविधा युक्त नया मुख्यालय छोड़कर पुराने भवन में चुनावी वार रूम बना लिया है। पिछले तीनों चुनाव का संचालन इसी भवन से हुआ था। वहीं, 15 साल से सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस भाग्य बदलने की उम्मीद में नए भवन में शिफ्ट हुई है।

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