मप्र विस का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम खराब होने को लेकर राज्यपाल ने जताई नाराजगी

राज्यपाल टंडन ने विस के प्रमुख सचिव को किया तलब सिस्टम तुरंत ठीक करवाने का आदेश। भाजपा की मांग हाथ उठाकर हो बहुमत का परीक्षण।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 08:44 AM (IST)
मप्र विस का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम खराब होने को लेकर राज्यपाल ने जताई नाराजगी
मप्र विस का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम खराब होने को लेकर राज्यपाल ने जताई नाराजगी

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने रविवार को विधानसभा के प्रमुख सचिव को तलब कर व्यवस्थाओं के बारे में पूछताछ की। राज्यपाल ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम तुरंत दुरस्त करवाने के निर्देश दिए। इस सिस्टम को लेकर भाजपा ने राज्यपाल से शिकायत की थी। पार्टी ने मांग की है कि बहुमत का परीक्षण करने के लिए सदस्यों से हाथ उठवाकर फैसला कराया जाए।

राज्यपाल टंडन ने दोपहर बाद प्रमुख सचिव को बुलाकर विधानसभा के बजट सत्र को लेकर तैयारियों के बारे में जानकारी ली। साथ ही इस बात पर नाराजगी भी जताई कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम खराब था तो उसे समय से ठीक क्यों नहीं कराया गया। राज्यपाल ने अन्य सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कराने के निर्देश भी दिए। राज्यपाल ने शनिवार को प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी को भी राजभवन तलब कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली थी।

उन्होंने खासतौर पर भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भोपाल में हुए हमले, विधायकों की सुरक्षा और कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेश में तैयारियों को लेकर पूछताछ की थी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले दोपहर में भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें विधानसभा के संदर्भ में जानकारियां दीं थीं।

साथ ही शिकायत की थी कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के संदर्भ में जो निर्देश दिए हैं, वह इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम से इसलिए नहीं हो सकता, क्योंकि यह खराब पड़ा है। नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने बताया कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के दौरान पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम से ही मतदान कराने के निर्देश दिए हैं। भार्गव ने कहा कि यदि यह सिस्टम काम नहीं करता तो बहुमत का पता करने विधानसभा सदस्यों के हाथ उठाकर परीक्षण कराया जाए।

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