कोरोना के खतरे के बीच बच्चों तक मिड-डे मील पहुंचाने के लिए सरकार ने झोंकी ताकत

केंद्र ने राज्यों को यह निर्देश उस समय दिया है जब कोरोना के इस संक्रमण काल में कई राज्यों से बच्चों तक मिड-डे मील न पहुंचने की खबरें मिल रही थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 12 Apr 2020 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 12 Apr 2020 08:13 PM (IST)
कोरोना के खतरे के बीच बच्चों तक मिड-डे मील पहुंचाने के लिए सरकार ने झोंकी ताकत
कोरोना के खतरे के बीच बच्चों तक मिड-डे मील पहुंचाने के लिए सरकार ने झोंकी ताकत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के खतरे को देखते हुए देश भर के स्कूल भले ही बंद है, लेकिन इनमें पढ़ने वाले करीब 12 करोड़ बच्चों को मिड-डे मील मिलता रहेगा। केंद्र ने सभी राज्यों को कहा है कि तैयार खाना बच्चों तक पहुंचाया जाए। लेकिन अगर समस्या है, तो वह उन्हें कुकिंग कास्ट के साथ खाद्यान्न या फिर पोषण भत्ता देने जैसे उपाय भी कर सकते है।

केंद्र ने राज्यों को यह निर्देश उस समय दिया है, जब कोरोना के इस संक्रमण काल में कई राज्यों से बच्चों तक मिड-डे मील न पहुंचने की खबरें मिल रही थी। इस पर केंद्र सरकार ने ऐसे सभी राज्यों से तुरंत जरूरी व्यवस्थाएं करने को कहा है। केंद्र की पड़ताल में जिन राज्यों ने बच्चों तक मिड-डे मील पहुंचाने की जानकारी दी है, उनमें हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों शामिल है। हालांकि इनमें से किसी भी राज्य ने बच्चों तक तैयार भोजन नहीं पहुंचाया है। इनमें से ज्यादातर राज्यों ने खाद्यान्न और कुकिंग कास्ट उन्हें दिया है। वहीं बिहार ने खाद्यान्न और कुकिंग कास्ट बच्चों तक सीधे कैश ट्रांसफर किया है।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है याचिका

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक वह राज्यों के साथ ही लगातार इसकी निगरानी कर रहे है। वैसे भी इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है। जिस पर मार्च के अंत में सुनवाई होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह नहीं हो पायी थी। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले को प्राथमिकता से सुन सकता है। जिसमें मिड-डे मील न पहुंचा पाने वाले राज्यों को जबाव देना पड़ सकता है।

राज्यों की ओर से गर्मियों के छुट्टियों के दौरान भी मिड-डे मील योजना को चालू रखने की मांग की जा रही है। हालांकि इस योजना के तहत गर्मी की छुट्टियों में स्कूलों के बंद होने पर मिड-डे योजना भी बंद रहती है। ऐसे में इसे अभी सिर्फ सूखे जैसी स्थिति में चालू रखने का प्रावधान है।

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