मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था को और सटीक बनाने के लिए 250 करोड़ का विमान खरीदेगी सरकार

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में मौसमी प्रक्रियाओं के लिए विशेष रिसर्च विमान खरीदने की योजना है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 06:46 PM (IST)
मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था को और सटीक बनाने के लिए 250 करोड़ का विमान खरीदेगी सरकार
मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था को और सटीक बनाने के लिए 250 करोड़ का विमान खरीदेगी सरकार

नई दिल्ली, आइएएनएस। मौसम पूर्वानुमान की व्यवस्था को और सटीक बनाने के लिए सरकार 250 करोड़ रुपये का विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। भू विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में शुक्रवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में मौसमी प्रक्रियाओं के लिए विशेष रिसर्च विमान खरीदने की योजना है। यह विमान वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा। इसकी मदद से विभिन्न आंकड़ों का विश्लेषण संभव हो सकेगा।

हर्षवर्धन ने बताया कि यह विमान वायु प्रदूषण का आकलन करने और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संबंधी अध्ययन में भी मददगार होगा। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) नोडल एजेंसी की भूमिका में रहेगा। यह भूविज्ञान मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। इस नोडल एजेंसी के माध्यम से लोगों को मौसम से जुड़ी जानकारी मिल सकेगी

संसद सत्र को छोटा करने की संभावना

इस सप्ताह शुरू हुए संसद सत्र में 30 सांसदों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद इसे छोटा करने की संभावना है। यह सत्र 1 अक्टूबर तक चलना है, जिसे एक हफ्ते पहले ही समाप्त किया जा सकता है। संसद के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। बता दें कि देश में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 53 लाख  तक जा  पहुंची है।

कृषि के तीन विधेयकों पर लग सकती है अंतिम मुहर

मंडी कानून में संशोधन समेत कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर रविवार को संसद की अंतिम मुहर लग सकती है। लोकसभा से पारित इन विधेयकों को राज्यसभा में रविवार को सुबह सबसे पहले लगाया गया है। जाहिर है कि सरकार इसे पारित करवाएगी और नंबर गेम में भारी सरकार को ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी। पर उससे ज्यादा रोचक यह देखना होगा कि राजनीतिक विवाद में उलझे इस मुद्दे पर विपक्ष कितनी एकजुट हो पाती है। माना यह जा रहा है कि विपक्ष या फिर निरपेक्ष खेमे में खड़े दलों को कांग्रेस साधने की हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन कई हाथ नहीं आ रहे।

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