मनमोहन सिंह बोले, विपक्ष के बिना लोकतंत्र की कोई आत्‍मा नहीं

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सीपीआइ के नेता इंद्रजीत गुप्‍ता जानते थे कि विपक्ष के बिना लोकतंत्र में कोई आत्मा नहीं होती।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 21 Jul 2019 05:51 PM (IST) Updated:Sun, 21 Jul 2019 06:02 PM (IST)
मनमोहन सिंह बोले, विपक्ष के बिना लोकतंत्र की कोई आत्‍मा नहीं
मनमोहन सिंह बोले, विपक्ष के बिना लोकतंत्र की कोई आत्‍मा नहीं

नई दिल्‍ली, एएनआइ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सीपीआइ के नेता इंद्रजीत गुप्‍ता जानते थे कि विपक्ष के बिना लोकतंत्र में कोई आत्मा नहीं होती है। उनकी व्यापक रूप से उद्धृत विद्वानों में से एक उनकी चुनावी फंडिंग पर एक रिपोर्ट थी। जिसमें इंद्रजीत गुप्ता ने जोर दिया था कि चुनाव में राज्य के वित्त पोषण के पक्ष में तर्क दिया था।

आज जब केवल एक पार्टी के पास चुनाव निधि का 90% हिस्‍सा है, ऐसे विचारों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है। पूर्व प्रधानमंत्री नई दिल्‍ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीपीआइ के नेता इंद्रजीत गुप्‍ता की जन्म शताब्दी स्मारक बैठक को संबोधित कर रहे थे।  

Former Prime Minister Manmohan Singh: He (Indrajit Gupta) argued for the role of state funding in elections. Today when only one party has access to 90% of election fund such ideas need to be discussed & deliberated. https://t.co/4ury8F33nd" rel="nofollow

— ANI (@ANI) July 21, 2019

कौन थे इन्द्रजीत गुप्त
इंद्रजीत गुप्त भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के प्रमुख नेता थे। वह 1960 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता दक्षिण-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1977 तथा 1980 को छोड़कर अपने जीवन के अंतिम समय तक कुल 11 बार भारतीय संसद के लिए चुने जाने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने शुरुआती चुनाव (1962 से 1967) कलकत्ता दक्षिण पश्चिम के बाद (1967 से 1977) अलीपुर, (1980 से 1989) बशीरहाट और (1989-2001) मिदनापुर से चुनाव जीते। वह संयुक्‍त मोर्चा की सरकार में गृह मंत्री बने थे।

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