वित्‍तमंत्री बोलीं, अर्थव्यवस्था को दोगुना करना आसान था, तो कांग्रेस क्यों नहीं कर पायी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में शुक्रवार को बजट चर्चा का जवाब दिया तो निशाने पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम रहे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 08:14 PM (IST) Updated:Fri, 12 Jul 2019 08:14 PM (IST)
वित्‍तमंत्री बोलीं, अर्थव्यवस्था को दोगुना करना आसान था, तो कांग्रेस क्यों नहीं कर पायी
वित्‍तमंत्री बोलीं, अर्थव्यवस्था को दोगुना करना आसान था, तो कांग्रेस क्यों नहीं कर पायी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में शुक्रवार को बजट चर्चा का जवाब दिया तो निशाने पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम रहे। चिदंबरम ने बजट पर कई सवाल खड़े किए थे और सीतारमण ने आंकड़ों के साथ-साथ राजनीतिक रूप से भी करारा जवाब दिया।

पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने पर सामान्य बताने वाले चिदंबरम से वित्त मंत्री ने कहा कि जब यह इतना ही आसान है, तो फिर कांग्रेस ने पिछले साठ सालों में क्यों ऐसा लक्ष्य हासिल नहीं किया। अर्थव्यवस्था को क्यों दोगुने स्तर पर नहीं पहुंचाया। हकीकत में तो कांग्रेस ने कभी भी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर ध्यान ही नहीं दिया। उनका ध्यान तो घोटाले पर था।

राज्यसभा में गुरूवार को बजट पर शुरू हुई चर्चा शुक्रवार को भोजनावकाश से पहले वित्त मंत्री के जवाब के साथ खत्म हुई। सीतारमण ने कहा कि पांच ट्रिलियन डालर का जो लक्ष्य हमने तय किया है, उसे वह उनकी सरकार हासिल भी करेगी। इसके लिए पूरी योजना बनाई गई है। निवेश को बढ़ाया जाएगा। चिदंबरम ने कहा था कि पांच साल में अर्थव्यवस्था खुद ही दोगुनी हो जाती है।

वित्त मंत्री ने कांग्रेस सहित विपक्ष की ओर से मंहगाई को लेकर उठाए गए सवालों का भी जवाब किया। उन्होंने कहा कि 2008 से 2013 के बीच देश में मंहगाई दर की क्या स्थिति थी, यह शायद देश भूला नहीं होगा। लेकिन 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद से इनमें हर साल गिरावट दर्ज हुई है। जो अब तीन फीसद के आसपास आ गया है, जबकि उस समय यह छह फीसद से ज्यादा था।

उन्होंने कहा कि मंहगाई पर उनकी सरकार का पूरा नियंत्रण है। वित्त मंत्री ने चिदंबरम की ओर से संरचनात्मक सुधार से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया। कहा कि हमने पांच सालों में 16 बड़े सुधार किए है, जबकि सवाल खड़ा करने वाले अपने सिर्फ चार-पांच सुधार ही गिना पाए है। हमारे सुधार के बड़े कदमों में जीएसटी एक है। जिसे हम कांग्रेस के विरोध के बाद भी लेकर आए थे।

हालांकि वित्त मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और कहा कि हमने भी इसका समर्थन किया है। इस पर वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर फिर पलटवार किया और कहा कि फिर तो यह और चौंकाने वाली बात है, क्योंकि आप सदन में जिस जीएसटी का समर्थन करने की बात कह रहे है, उसे आपके नेता बाहर गब्बर सिंह टैक्स कहते है। इसके बाद तो विपक्षी खेमे में चुप्पी छा गई।

वित्त मंत्री ने इस दौरान राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय मदद और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं में कटौती के सवालों का भी जवाब दिया और कहा कि इनमें कोई कमी नहीं की गई है।

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