आंध्र प्रदेश में डेंगू पर राजनीति, नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर सोए गए टीडीपी विधायक

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में डेंगू का व्यापक असर देखने के लिए मिल रहा है। हांलाकि मानसून के दिनों में डेंगू का प्रकोप काफी देखने को मिलता है और अब मानसून वापसी की ओर से है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 08:32 AM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 08:32 AM (IST)
आंध्र प्रदेश में डेंगू पर राजनीति, नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर सोए गए टीडीपी विधायक
आंध्र प्रदेश में डेंगू पर राजनीति, नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर सोए गए टीडीपी विधायक

हैदराबाद, एएनआइ। आंध्र प्रदेश में इन दिनों डेंगू का प्रकोप काफी देखने को मिल रहा है। अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। टडीपी विधायक निम्माला राम नायडू शुक्रवार को पालकोलू शहर में विरोध स्‍वरूप नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर ही सो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार डेंगू के मुद्दे पर ठीक से काम नहीं कर रही है। नायडू ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर कोई भी अधिकारी गंभीर नहीं है और उनसे नहीं मिल रहा है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में डेंगू का व्यापक असर देखने के लिए मिल रहा है। हांलाकि, मानसून के दिनों में डेंगू का प्रकोप काफी देखने को मिलता है और अब मानसून वापसी की ओर से है। ऐसे में डेंगू का असर भी कम होने के उम्‍मीद है। भारत ही नहीं दुनिया भर में पिछले 50 वर्षों में डेंगू की बीमारी 30 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रही है। इसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में दुनिया की आधी आबादी के सामने डेंगू की बीमारी का संकट खड़ा हो सकता है। दरअसल, जहां भी बारिश का पानी ठहरता है डेंगू के मच्छर वहीं पैदा होते हैं।

उत्‍तराखंड में भी थम नहीं रहा डेंगू का प्रकोप

प्रदेश में डेगू का प्रकोप थम नहीं रहा है। देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर समेत अन्य जिलों में हर दिन डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी राज्य में 95 और लोग डेंगू की चपेट में आए। इनमें सबसे अधिक 43 मरीज नैनीताल जनपद से थे, जबकि देहरादून में 36 व ऊधमसिंहनगर में 16 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य में डेगू के मरीजों की अब तक की संख्या बढ़कर 7355 हो गई है। डेंगू से अब तक बारह से अधिक मरीजों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब भी डेंगू से मरने वालों की संख्या आठ ही मान रहा है। डेंगू संदिग्ध जिन मरीजों की मौत का डेथ ऑडिट करने की बात महकमे ने की थी वह भी अब तक रहस्य बना हुआ है। इतना जरूर कि पिछले तीन माह की अपेक्षा अक्टूबर में डेगू का डंक कुछ हद तक कुंद होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी थोड़ी बहुत राहत जरूर महसूस कर रहे हैं। वहीं सरकारी व निजी अस्पतालों में भी मरीजों का दबाव कुछ हद तक कम हुआ है।

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