राजनाथ सिंह रूस तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंचे, SCO की बैठक में चीनी समकक्ष से नहीं करेंगे मुलाकात

भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक में शामिल होने के लिए आज रूस के दौरे पर रवाना हो गए हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 07:51 AM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 09:42 AM (IST)
राजनाथ सिंह रूस तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंचे, SCO की बैठक में चीनी समकक्ष से नहीं करेंगे मुलाकात
राजनाथ सिंह रूस तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंचे, SCO की बैठक में चीनी समकक्ष से नहीं करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंच गए हैं। हवाई अड्डे पर मेजर जनरल बुक्तेव यूरी निकोलेविच ने उनका स्‍वागत किया। रक्षा मंत्री का कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गई। इन तीन दिनों के दौरे में वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक में शामिल होंगे। इस बीच, सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं करेंगे। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चार सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होंगे।

जानकारी के मुताबिक, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस बैठक में चीन के रक्षा मंत्री जरनल वेन फेंघे भी शामिल हो सकते हैं। भारत और चीन के बीच हालिया तनाव के बीच इस अहम बैठक के दौरान दोनों देश पहली बार एक मंच पर आमने-सामने होंगे।

इस संगठन में भारत और रूस के अलावा चीन भी सदस्य है। राजनाथ सिंह चार सितंबर को बैठक में शामिल होने के बाद पांच सितंबर को भारत वापस लौटेंगे। रक्षा मंत्री पांच सितंबर की शाम को मास्को से दिल्ली वापस लौटेंगे। भारत और चीन के बीच लद्दाख में ताजा झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस अहम बैठक में शामिल होने कई मायनों में महत्वपूर्ण है।

भारत और रूस के बीच युद्धाभ्यास

भारत और रूस मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की तैयारी की ओर अग्रसर हैं। दोनों देशों की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी में चार और पांच सितंबर को 'इंद्र युद्धाभ्यास' करेंगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत और रूस की नौसेना के बीच ऐसे समय में युद्धाभ्यास होने वाला है जब सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस युद्धाभ्यास के दौरान सतह और हवा में लक्ष्य को भेदने के साथ ही चीनी नौसेना की गतिविधियों में इजाफे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है। इंद्र युद्धाभ्यास वर्ष 2005 से भारत और रूस की सेनाओं के बीच होता आ रहा है। विगत जुलाई में भारतीय नौसेना ने अमेरिकी नौसेना के साथ भी जमकर युद्धाभ्यास किया था।

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