बढ़ानी है गायों की दुग्‍ध उत्‍पादन की क्षमता तो बजाएं यह विशेष धुन, असम विधायक का दावा

असम के एक विधायक ने दावा किया है कि बांसुरी की वही धुन बजाएं जो भगवान कृष्‍ण बजाया करते थे तो गायों के दूध देने की क्षमता बढ़ जाएगी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 28 Aug 2019 10:55 AM (IST) Updated:Wed, 28 Aug 2019 10:58 AM (IST)
बढ़ानी है गायों की दुग्‍ध उत्‍पादन की क्षमता तो बजाएं यह विशेष धुन, असम विधायक का दावा
बढ़ानी है गायों की दुग्‍ध उत्‍पादन की क्षमता तो बजाएं यह विशेष धुन, असम विधायक का दावा

नई दिल्‍ली, एजेंसी। असम के सिलचर स्‍थित बराक वैली से भाजपा विधायक दिलीप कुमार पॉल का दावा है कि गायों के दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए बांसुरी की वही धुन बजाएं जो भगवान कृष्‍ण बजाया करते थे। शनिवार को एक इवेंट के दौरान उन्‍होंने ये बातें कहीं।

मंगलवार को पॉल ने बताया, ‘मैंने सभा को संगीत व नृत्‍य के सकारात्‍मक प्रभाव के साथ ही इसे वैज्ञानिक तरीके से साबित किए गए तथ्‍य की भी जानकारी दी कि यदि गाय बांसुरी की वही धुन सुनती है जो भगवान कृष्‍ण बजाया करते थे तब दुग्‍ध उत्‍पादन में बढ़ोतरी होती है।’

जब उनसे इस रिसर्च के बारे में सवाल किया गया तब उन्‍होंने दावा किया कि गुजरात के एक एनजीओ ने कुछ साल पहले रिसर्च किया था और तब बताया था कि बांसुरी की एक विशेष धुन पर दुग्‍ध उत्‍पादन में इजाफा हुआ था। पॉल ने बताया,’विदेशी प्रजातियों से मिलने वाले सफेद रंग के दूध की तुलना में भारतीय गायों के पीले रंग के दूध की क्‍वालिटी स्‍वाद और स्‍वास्‍थ्‍य के नजरिए से अधिक अच्‍छी होती है।‘

विधायक ने असम, मेघालय, पश्‍चिम बंगाल और त्रिपुरा के जरिए भारत से बांग्‍लादेश में होने वाली गायों की तस्‍करी मामले पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए इसे खत्‍म करने की बात कही। असम विधानसभा के पूर्व डिप्‍टी स्‍पीकर ने कहा, ‘हम गाय को गौमाता बुलाते हैं। लेकिन हर साल उनमें से हजारों गायों की तस्‍करी की जाती है। यह बंद होनी चाहिए।’ हालांकि पॉल का बयान विवाद का विषय है। 2001 में लिसेस्‍टर की यूनिवर्सिटी के दो शोधकर्ताओं ने रिसर्च के बाद बताया कि फास्‍ट म्‍यूजिक के बजाय सॉफ्ट और धीमे संगीत से गाय 3 फीसद अधिक दूध देती है।

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