Maharashtra: फड़नवीस बोले, 50-50 का कोई वादा नहीं; उद्धव ने रद की शाह के साथ बैठक

BJP rejects 50 and 50 formula देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारी पार्टी के अध्‍यक्ष के मुताबिक शिवसेना को सीएम पद देने के मसले पर कुछ भी तय नहीं किया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 29 Oct 2019 01:08 PM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 12:33 AM (IST)
Maharashtra: फड़नवीस बोले, 50-50 का कोई वादा नहीं; उद्धव ने रद की शाह के साथ बैठक
Maharashtra: फड़नवीस बोले, 50-50 का कोई वादा नहीं; उद्धव ने रद की शाह के साथ बैठक

 राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के यह कहने के बाद कि शिवसेना के साथ 50-50 फॉर्मूले (ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री) पर कभी कोई बात नहीं हुई, शिवसेना ने भाजपा के साथ मंगलवार देर शाम होने वाली बैठक टाल दी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जब मुख्यमंत्री अपने शब्दों से पीछे हट रहे हैं तो बैठक करके क्या फायदा? मुख्यमंत्री के बयान के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता जल्द साफ होता दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी बुधवार को मुंबई आने का कार्यक्रम रद कर दिया है, लिहाजा उद्धव ठाकरे से उनकी मुलाकात नहीं होगी।

 मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का यह बयान मंगलवार दोपहर पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक वार्ता के दौरान आया। इसमें उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ स्वयं उनकी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक के दौरान 50-50 फॉर्मूले की कोई बात नहीं उठी थी। यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव ठाकरे को ऐसा कोई आश्वासन दिया है, फड़नवीस ने कहा कि उन्होंने भी उद्धव ठाकरे को ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पर कोई आश्वासन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि किसी को इस बात पर कतई संदेह नहीं होना चाहिए कि अगले पांच वर्ष फिर से भाजपानीत सरकार नहीं बनने जा रही।

मुख्यमंत्री ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छप रही खबरों एवं संपादकीय पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते। 'सामना' की भूमिका संबंधों को पटरी से उतारने वाली रहती है। उन्होंने बताया कि शिवसेना के साथ औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों तरह की बातचीत जारी है। बुधवार को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा उपमुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देगी? फड़नवीस ने कहा कि उचित समय पर आपको पता चल जाएगा। मुख्यमंत्री कौन होगा? इसके जवाब में फड़नवीस ने कहा कि अब भी कोई शक है आपको? प्रधानमंत्री खुद इसकी घोषणा कर चुके हैं। अब सिर्फ औपचारिकता बाकी है।

फड़नवीस के इस बयान पर शिवसेना की तीखी प्रतिक्रिया कुछ ही देर में देखने को मिल गई। मुख्यमंत्री का यह बयान सार्वजनिक होने के बाद शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत तुरंत तो कोई प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। लेकिन कुछ देर बाद ही बाकायदा संवाददाता सम्मेलन बुलाकर उन्होंने उद्धव ठाकरे के हवाले से जानकारी दी कि मंगलवार शाम सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ होने वाली बैठक शिवसेना ने रद कर दी है। उनके अनुसार उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जब मुख्यमंत्री अपनी कही बात से पीछे हट रहे हैं तो बैठक करके क्या लाभ? राउत ने सवाल उठाया कि जब लोकसभा चुनाव से पहले ऐसी कोई बात हुई ही नहीं तो उस समय गठबंधन हुआ कैसे? इसका उत्तर मुख्यमंत्री को देना चाहिए।

मुख्यमंत्री की वीडियो क्लिप वायरल

संजय राउत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने स्वयं संवाददाता सम्मेलन में 50-50 फॉर्मूले की जानकारी दी थी। सुबह से उनकी यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे सही समय पर इस मुद्दे पर बात करेंगे। मुख्यमंत्री पद हमारा हक है। हम उसी की मांग कर रहे हैं। वह भाजपा को देना पड़ेगा।

शिवसेना बोली, खुले हैं दूसरे विकल्प

यह विधानसभा चुनाव भाजपा-शिवसेना गठबंधन करके लड़ी हैं। भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए 50-50 फॉर्मूले की बात उठाने लगी है। उसकी ओर से धमकी भी दी गई है कि यदि भाजपा ने उसकी यह शर्त नहीं मानी तो उसके पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं।

एक-दूसरे के विधायकों के संपर्क में होने का दावा

सरकार बनाने के लिए दोनों दलों में अन्य विधायकों की खींचतान भी बढ़ गई है। चुनाव परिणाम आने के दिन ही मुख्यमंत्री फड़नवीस ने दावा किया था कि निर्दलीय चुनकर आए 15 विधायक उनके संपर्क में हैं। पिछले तीन दिनों में शिवसेना भी चार विधायकों के समर्थन का दावा कर चुकी है। इसके अलावा मंगलवार को भाजपा के एक राज्यसभा सदस्य संजय काकड़े ने कहा है कि शिवसेना के 45 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। इस संबंध में संजय राउत से पूछे जाने पर उन्होंने भड़कते हुए प्रतिप्रश्न किया कि संजय काकड़े हैं कौन? क्या उन्हें भाजपा ने यह बयान देने के लिए अधिकृत किया है? यदि मैं कहूं कि भाजपा के 75 विधायक हमारे संपर्क में हैं तो क्या कोई मानेगा?

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