भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले, पीएम मोदी 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाए

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ के आधे लक्ष्य को हासिल करने में अहम योगदान दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 07 Mar 2020 10:12 PM (IST) Updated:Sat, 07 Mar 2020 10:12 PM (IST)
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले, पीएम मोदी 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाए
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले, पीएम मोदी 55 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाए

नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आधे लक्ष्य को हासिल करने में अहम योगदान दिया है। डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर में 100 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है।

देश भर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोलने का लक्ष्य

WHO ने दुनिया के एक अरब लोगों को हेल्थ कवरेज देने की बात कही है।

मोदी जी ने इन एक अरब में से 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना से 5 लाख रुपये तक का हेल्थ करवेज दे दिया है।

यानी दुनिया के एजेंडे में 50% से ज्यादा का योगदान भारत ने किया है: श्री @JPNadda #JanJanTakJanAushadhi pic.twitter.com/eveEgHAE0I — BJP (@BJP4India) March 7, 2020

जन औषधि दिवस के मौके पर पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि सरकार का देश भर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोलने का लक्ष्य है। 20 हजार केंद्र पहले से ही काम कर रहे हैं। इस साल 25 हजार और ऐसे केंद्र खोले जाने हैं। डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य पर उन्होंने कहा कि 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाने का मतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही अकेले डब्ल्यूएचओ के 50 फीसद से ज्यादा लक्ष्य को पूरा कर दिया है। इन 55 करोड़ लोगों में से प्रत्येक को इस योजना के तहत पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

मौजूदा समय में जेनरिक दवाइयों की संख्या 350

नड्डा ने कहा कि 2014 में जब भाजपा सत्ता में आई थी तब आवश्यक दवाइयों की सूची में मात्र 100 दवाइयां ही थीं, जिनकी कीमतें सरकार द्वारा तय की जाती हैं। मौजूदा समय में ऐसी दवाइयों की संख्या 350 हो गई हैं। आम लोगों के लिए जरूरी दवाइयों को इसके दायरे में लाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

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