आकाश विजयवर्गीय पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली-भोपाल के बीच झूल रहा मामला
भारी दबाव के बाद पौने चार बजे के करीब प्रदेश अध्यक्ष मीडिया के सामने आए और मात्र 20 सेकंड में सफाई दी कि अभी पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
भोपाल, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर विधानसभा क्रमांक तीन से विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला दिल्ली और भोपाल के बीच झूल रहा है।
सदस्यता अभियान की तैयारी के लिए भोपाल आए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने गुरुवार को सदस्यता अभियान की बैठकों के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री रामलाल से फोन पर बातचीत की। इसके बाद उनकी कैलाश विजयवर्गीय से भी मोबाइल पर बात हुई। इस कवायद को भी आकाश के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा था कि ऐसे अमर्यादित आचरण करने वाले को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए, चाहे वह किसी का भी बेटा हो। गौरतलब है कि जर्जर मकान तोड़ने गए इंदौर नगर निगम के अफसर के साथ विधायक आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट के बल्ले से मारपीट की थी। इसका वीडियो देशभर में वायरल हुआ और भाजपा को चारों तरफ से आलोचना झेलना पड़ी थी।
भाजपा कार्यालय में गुरुवार को दिनभर गहमा-गहमी रही। दरअसल, दोपहर 12 बजे के करीब प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के प्रदेश कार्यालय में पहुंचने के साथ ही मीडिया ने उन्हें घेर लिया। आकाश पर कार्रवाई को लेकर कई सवाल हुए, लेकिन वह सिर्फ सदस्यता अभियान पर अपनी बात कहकर निकल गए। इसके बाद न्यूज चैनलों पर विधायक आकाश को नोटिस देने की खबरें चलने लगीं। भारी दबाव के बाद पौने चार बजे के करीब सिंह मीडिया के सामने आए और मात्र 20 सेकंड में सफाई दी कि अभी पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि अभी हमारे द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पार्टी की कार्यपद्धति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। निर्णय से आपको अवगत कराया जाएगा।
कैलाश विजयवर्गीय के दबाव में लाचार हुआ संगठन : ओझा
कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय के दबाव में केंद्र और राज्य संगठन आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ फैसला नहीं ले पा रहा है। दोनों ही स्तर पर संगठन लाचार है। आश्चर्य की बात यह भी है कि विधायक ने प्रधानमंत्री की इच्छा साफ होने के बाद भी अब तक त्यागपत्र नहीं दिया है।