मध्य प्रदेश में राज्य सभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग मामले में 'कार्रवाई' को लेकर भाजपा सशंकित

ये दोनों ही विधायक अनुसूचित जाति वर्ग के हैं और भाजपा अभी इनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई कर इस वर्ग की नाराजगी मोल नहीं ले सकती।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 20 Jun 2020 10:03 PM (IST) Updated:Sat, 20 Jun 2020 10:05 PM (IST)
मध्य प्रदेश में राज्य सभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग मामले में 'कार्रवाई' को लेकर भाजपा सशंकित
मध्य प्रदेश में राज्य सभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग मामले में 'कार्रवाई' को लेकर भाजपा सशंकित

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग और वोट रद होने जैसी गड़बड़ी सामने आने के बाद भी भाजपा की मंशा संबंधित विधायकों के खिलाफ 'कार्रवाई' करने की नहीं है। पार्टी ने यह तो पता लगा लिया है कि चूक कहां हुई, लेकिन जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन पर कार्रवाई कर अनुसूचित जाति वर्ग की नाराजगी का खतरा भी है। दरअसल, आगामी विधानसभा उपचुनाव की 24 में से नौ सीटें इसी वर्ग की हैं।

मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल कई दिनों से इस कवायद में लगा था कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो जाए, लेकिन इसके बावजूद भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव ने क्रॉस वोटिंग कर दी और एक भाजपा विधायक का वोट निरस्त हो गया। यह जुगल किशोर बागड़ी का वोट बताया जा रहा है। ये दोनों ही विधायक अनुसूचित जाति वर्ग के हैं और भाजपा अभी इनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई कर इस वर्ग की नाराजगी मोल नहीं ले सकती।

फूंक-फूंक कर पांव रख रही भाजपा

चार साल पहले अजा-जजा अत्याचार निरोधक कानून (एट्रोसिटी एक्ट) में संशोधन के खिलाफ हुए आंदोलन का सबसे ज्यादा असर राज्य के ग्वालियर-चंबल संभाग में ही था, जिसका खामियाजा नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को उठाना पड़ा था। यहां भाजपा का लगभग सूपड़ा साफ हो गया और वह सत्ता से वंचित रह गई थी, इसलिए अब वह फूंक-फूंक कर पांव रख रही है।

नौ सीटें हैं अजा वर्ग की

प्रदेश में 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है। इनमें से नौ सीटें अजा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से ज्यादातर सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं। डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा प्रत्याशियों को शिकस्त खाना पड़ी थी, इसलिए पार्टी ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती जिससे अजा वर्ग के मतदाताओं में नाराजगी पनपे।

सत्ता-संगठन में होगी ताजपोशी

उपचुनाव में लाभ लेने के लिए भाजपा अभी क्षेत्रीय मतदाताओं को रिझाने के उपाय ढूंढ रही है। इस बात के संकेत भी हैं कि जल्द ही अजा वर्ग के किसी नेता की सत्ता अथवा संगठन में बड़े पद पर ताजपोशी कर दी जाएगी। खासतौर पर जाटव समाज के किसी नेता को उपकृत करने का विचार किया जा रहा है, ताकि चुनाव के दौरान पार्टी को इसका लाभ मिल सके। गौरतलब है कि उपचुनाव वाली नौ सीटें-अंबाह, अशोक नगर, करैरा, गोहद, डबरा, भांडेर, सांची, सांवेर एवं आगर-मालवा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

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