Bhima Koregaon case: सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के आदेश को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा-कोरेगांव हिंसा केस में चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा ना बढ़ाने के बांबे हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 12:52 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 01:01 PM (IST)
Bhima Koregaon case: सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के आदेश को किया खारिज
Bhima Koregaon case: सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के आदेश को किया खारिज

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima-Koregaon case) मामले में चार्जशीट दाखिल करने की समय सीमा ना बढ़ाने के बांबे हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। हालांकि, न्यायलय ने कहा कि चार्जशीट दाखिल हो गई है, इसलिए गिरफ्तार कार्यकर्ता नियमित जमानत की मांग कर सकते हैं।

कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त वक्त देने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 10 जनवरी को बांबे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 25 अक्टूबर को बांबे हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अगर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो हिंसा के मामले में आरोपी तय वक्त में आरोप पत्र दायर न हो पाने के चलते जमानत के हकदार होंगे।

गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं का आरोप था कि इस मामले में उनको जमानत मिलनी चाहिए थी, क्योंकि महाराष्ट्र पुलिस ने निर्धारित 90 दिनों की अवधि के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया था और इसके अलावा, ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई अवधि कानूनी तौर पर सही नहीं थी।

इस मामले में पुणे पुलिस ने जून में कथित माओवादियों संपर्कों के चलते वकील सुरेंद्र गाडलिंग, नागपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर शोमा सेन, दलित कार्यकर्ता सुधीर धवले, कार्यकर्ता महेश राउत और केरल निवासी रोना विल्सन को जून में गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद सम्मेलन के सिलसिले में इन कार्यकर्ताओं के दफ्तर और घरों पर छापेमारी के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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