VIDEO: अयोध्या फैसले के बाद आडवाणी के घर पहुंची उमा भारती, कहा-माथा टेकने आई हूं

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा नेता उमा भारती पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के घर उनका धन्यवाद करने के लिए पहुंची।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sat, 09 Nov 2019 03:12 PM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 03:43 PM (IST)
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नई दिल्ली,एएनआइ। भाजपा नेता उमा भारती ने अयोध्या जमीनभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को धन्यवाद दिया। आडवाणी के आवास पर उनसे मिलने पहुंची उमा भारती ने कहा कि मैं आडवाणी जी को धन्यवाद देने आई हूं क्योंकि वहीं है जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता (pseudo-secularism) को चुनौती थी। आडवाणी जी की वजह से ही हम आज इस मुकाम तक पहुंच हैं। संसद में उन्होंने पहली बार तथ्यों के साथ राष्ट्रवाद बनाम छद्म धर्मनिरपेक्षता के बिंदु को उठाया और इस पर चर्चा शुरू की थी।

सभी ने शांती से किया फैसले का स्वागत

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का सभी ने शांती से स्वागत किया। इसने भारत सच्चे शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण पक्ष का खुलासा किया है। आज के निष्पक्ष निर्णय का सभी दलों और धार्मिक समूहों ने स्वागत किया है। यह हमारे देश की महानता को दर्शाता है और दिखाता है कि हमारे देश में सभी धर्म के लोग सद्भाव में विश्वास करते हैं।

#WATCH Uma Bharti,BJP on #AyodhyaVerdict: Court ne ek nishpaksh kintu divya nirnaya diya hai. Main Advani ji ke ghar mein unko maatha tekne aayi hoon, Advani ji hi veh vyakti the jinhone pseudo-secularism ko challenge kiya tha...unhi ki badaulat aaj hum yahan tak pahunche hain. pic.twitter.com/YYtY4RCz06

— ANI (@ANI) November 9, 2019

कोर्ट का फैसला स्वीकार

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला दिया है, हमने उसे स्वीकार किया। यह निश्चित रूप से हमारे इतिहास का एक बड़ा क्षण है। मैं अदालत द्वारा दिए गए फैसले को स्वीकार करने के लिए लोगों को भी धन्यवाद देती हूं। लोगों को धन्यवाद देते हुए आगे कहा कि कोर्ट ने अपना फैसला तथ्यों के आधार पर सुनाया है।

कोर्ट ने दिया ये फैसला

अयोध्या भूमिविवाद पर एतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ उपयुक्त जमीन देने का निर्देश दिया और साथ ही ट्रस्ट का गठन कर मंदिर के निर्माण के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए कहा है।

चीफ जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आयोध्या में विवादित स्थल को पक्षकारों रामलला विराजमान, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा के बीच बांट दिया था।

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