Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष ने कहा- वंशानुगत कैसे हो सकता है रामलला की पूजा का अधिकार

जस्टिस बोबडे ने नक्शा दिखाते हुए कहा कि इसमें तो यहां छोटी सी जगह को रामकोट दर्शाया गया है। जिलानी ने कहा कि अयोध्या के इस मुहल्ले को भी रामकोट कहते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 09:57 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 09:57 PM (IST)
Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष ने कहा- वंशानुगत कैसे हो सकता है रामलला की पूजा का अधिकार
Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष ने कहा- वंशानुगत कैसे हो सकता है रामलला की पूजा का अधिकार

माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुस्लिम पक्ष ने रामलला की पूजा अर्चना के अधिकार की मांग करने वाली अपील का विरोध करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अधिकार मांगने वाले याचिकाकर्ता की मृत्यु हो चुकी है। उसके बाद उसकी जगह उनका पुत्र पक्षकार बन गया है, लेकिन सवाल है कि पूजा का अधिकार वंशानुगत कैसे हो सकता है जबकि याचिकाकर्ता ने अपने अधिकार का दावा करते हुए मुकदमा दाखिल किया था।

ये दलील मुस्लिम पक्ष की ओर से मंगलवार को बहस की शुरुआत करते हुए राजीव धवन ने दीं। उन्होंने दर्शन पूजा का अधिकार मांग रहे गोपाल सिंह विशारद के मुकदमें का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं की आस्था जताते हुए पूजा के अधिकार की मांग की थी ऐसे में उनकी मृत्यु (1986) के बाद कोई और उनकी जगह अधिकार का दावा कैसे कर सकता है।

मालूम हो कि गोपाल सिंह विशारद के बाद उनकी जगह इस मुकदमे में उनके पुत्र राजेन्द्र सिंह पक्षकार बन गए हैं और उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। धवन ने कहा कि यहां सवाल है कि क्या पूजा का अधिकार भी वंशानुगत अधिकार हो सकता है।

रामकोट पर भी पूछा सवाल

धवन के बाद जफरयाब जिलानी ने मुस्लिम पक्ष की ओर से बहस शुरू की उन्होंने विशेष तौर पर ऐतिहासिक पुस्तकों और गैजेटियरों के मुद्दे पर पक्ष रखना शुरू किया। कोर्ट ने दुर्ग यानी किला रामकोट के बारे में विदेशी यात्री के वर्णन पर जिलानी से सवाल पूछा जिसमें मुगल शासक औरंगजेब द्वारा रामकोट और वहां के मंदिर नष्ट किये जाने की बात कही गई है। जिलानी ने कहा कि यह रामकोट वो नहीं है जहां विवादित स्थल है यह सरयू किनारे कहा गया है।

जस्टिस बोबडे ने नक्शा दिखाते हुए कहा कि इसमें तो यहां छोटी सी जगह को रामकोट दर्शाया गया है। जिलानी ने कहा कि अयोध्या के इस मुहल्ले को भी रामकोट कहते हैं। मालूम हो कि विवादित स्थल जहां है उस मुहल्ले को रामकोट कहा जाता है।

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