जीवटता की मिसाल थे जोगी, साहसिक निर्णयों ने बनाया सीएम, ऐसे हुआ था राजनीति में प्रवेश

अजीत जोगी को करीब से जानने वाले बताते हैं कि वह काल परिस्थितियों को पहले से ही भांप लेते हैं। कहा जाता है कि इसी दूरगामी सोच के चलते उन्‍होंने कई साहसिक फैसले लिए...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 05:26 PM (IST)
जीवटता की मिसाल थे जोगी, साहसिक निर्णयों ने बनाया सीएम, ऐसे हुआ था राजनीति में प्रवेश
जीवटता की मिसाल थे जोगी, साहसिक निर्णयों ने बनाया सीएम, ऐसे हुआ था राजनीति में प्रवेश

रायपुर, जेएनएन। बीस दिनों तक कोमा में रहने के बाद आज अजीत जोगी ने अंतिम सांसें लीं। छत्तीसगढ़ सहित देशभर की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले जोगी अब यादों में जिंदा रहेंगे। उनका जीवन अपने आप में जीवटता की मिसाल था। साल 1946 में पेंड्रा में जन्मे जोगी ने रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई के बाद सिविल सेवा परीक्षा पास कर एक आईपीएस अफसर के रूप में नौकरी की शुरूआत की। इसके बाद वे आईएएस बनने और फिर कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले जोगी ने साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद राज्य के पहले मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया।

एक दूरदृष्‍ट नेता

जोगी को करीब से जानने वाले उनको दूर दृष्टा मानते हैं। उनके व्यक्तित्व को लेकर कहा जाता था कि वे काल परिस्थितियों को पहले से ही भांप लेते हैं। दूरगामी सोच रखने वाले जोगी ने अपने प्रशासनिक जीवन और राजनीतिक जीवन में इसी दूरदृष्टिता के आधार पर कई साहसिक निर्णय लिए।

इस तरह राजीव गांधी हुए थे प्रभावित

यह साल 1984 की बात है जब अजीत जोगी रायपुर के कलेक्टर हुआ करते थे। इस दौरान राजीव गांधी एयर इंडिया में पायलट थे। राजीव अक्सर फ्लाइट लेकर रायपुर आया करते थे। जोगी, राजीव के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित थे और जब राजीव के आने की जानकारी उन्हें मिलती तो वे उनसे मुलाकात करने जाते थे। इसी बीच जोगी ने राजीव को अपने व्यक्तित्व से प्रभावित किया।

राजीव के सुझाव पर छोड़ दी थी नौकरी 

कुछ साल बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। वह अपनी टीम नई टीम तैयार कर रहे थे, जिसमें उन्हें एक युवा, तेज-तर्रार, आदिवासी चेहरे की जरूरत थी। ऐसा नेता जो छत्तीसगढ़ को समझता हो और जिससे लोग जुड़ाव महसूस करें। इस बीच जोगी की पोस्टिंग इंदौर में कलेक्टर के रूप में थी। राजीव के जेहन में जोगी का चेहरा आया और उन्होंने तत्काल जोगी को फोन लगाकर कलेक्टरी छोड़ राजनीति में आने की बात कही। जोगी इस प्रस्ताव को मान गए और इस तरह उनका राजनीति में प्रवेश हुआ। साल 1986 में कांग्रेस की टिकट पर वह पहली बार राज्यसभा सांसद बनाए गए।

इस तरह बने पहले मुख्‍यमंत्री

अजीत जोगी 1986 से 1998 तक राज्यसभा सांसद रहे। इस दौरान दिल्ली में रहते हुए वे हर रविवार को प्रार्थना के लिए चर्च जाया करते थे। उसी चर्च में उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से हुई। जोगी के व्यक्तित्व ने सोनिया को भी खासा प्रभावित किया। साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो कांग्रेस हाई कमान के सामने राज्य के सीएम के रूप में जोगी ही पहली पसंद के रूप में उभरे और इस तरह राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी हुई। 

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