राम मंदिर पर भागवत के बयान से गरमाई सियासत, ओवैसी के निशाने पर RSS-BJP

राम मंदिर मसले पर मोहन भागवत के बयान पर एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संघ और भाजपा का घेराव किया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 02:40 PM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 02:48 PM (IST)
राम मंदिर पर भागवत के बयान से गरमाई सियासत, ओवैसी के निशाने पर RSS-BJP
राम मंदिर पर भागवत के बयान से गरमाई सियासत, ओवैसी के निशाने पर RSS-BJP

नई दिल्ली, एएनआइ। संघ प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर पर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। राम मंदिर मसले को लेकर एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संघ और भाजपा का घेराव किया है। भागवत के राम मंदिर पर कानून लाने के बयान पर ओवैसी ने कहा कि संघ और उनकी सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा है? यह एक स्पष्ट उदाहरण है जब एक राष्ट्र को साम्राज्यवाद में परिवर्तित किया जाता है। भाजपा और संघ को निशाने पर लेते हुए ओवैसी ने आगे कहा, 'आरएसएस और भाजपा साम्राज्यवाद में विश्वास करते हैं। वे बहुलवाद या कानून के शासन में विश्वास नहीं करते हैं।'

राम मंदिर पर कानून लाए सरकार : भागवत
बता दें कि विजयदशमी उत्सव में अपने वार्षिक संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर बनाने का एक बार फिर से आह्वान किया। इस बार उन्होंने कहा कि राम मंदिर मसले पर चल रही राजनीति को खत्म कर, इसे तुरंत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो, तो सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए। आगामी विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राम मंदिर पर संघ प्रमुख के इस बयान के कई राजनीतिक मायनों निकाले जा रहे हैं। जाहिर है कि 2014 में सत्ता में आने के दौरान भी राम मंदिर निर्माण भाजपा के घोषणा पत्र का अहम हिस्सा रहा है। सरकार के पांच साल पूरे होने जा रहे हैं और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राम मंदिर निमार्ण का मुद्दा एक बार फिर आवाज बुलंद कर रहा है।

'अयोध्या मामले पर राजनीति खत्म हो'
संघ प्रमुख ने अपने भाषण मेंं कहा था कि बाबर ने राम मंदिर को तोड़ा और अयोध्या में राम मंदिर के सबूत भी मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है, लेकिन ये मामला कितना लंबा चलेगा? भागवत ने कहा, 'राजनीति के कारण ये मामला लंबा हो गया। राम जन्मभूमि पर शीघ्रतापूर्वक राम मंदिर बनना चाहिए। इस प्रकरण को लंबा करने के लिए हो रही राजनीति को अब खत्म होना चाहिए।'

सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से सुनवाई
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मसले को जमीन विवाद के तौर पर ही निपटाया जाएगा। 29 अक्टूबर से कोर्ट अयोध्या जमीन विवाद पर सुनवाई शुरू होगी। बता दें कि मामले में मुख्य पक्षकार राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हिंदू महासभा हैं। इसके अलावा अन्य कई याची जैसे सुब्रमण्यन स्वामी आदि की अर्जी है जिन्होंने पूजा के अधिकार की मांग की हुई है, लेकिन सबसे पहले चार मुख्य पक्षकारों की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी।

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