होना है अगर कामयाब तो अपनाएं ये टिप्स

आप हर मुद्दे में नेगेटिव पॉइंट्स ढूंढ निकालते हैं तो यहां दिए गए कुछ टिप्स आपकी सोच को पॉजि़टिव बनाने में मददगार होंगे।

By Suchi SinhaEdited By: Publish:Wed, 28 Dec 2016 05:25 PM (IST) Updated:Wed, 28 Dec 2016 05:36 PM (IST)
होना है अगर कामयाब तो अपनाएं ये टिप्स

किसी भी काम की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके प्रति हम कितने गंभीर हैं, उस काम को किस नज़रिये से देखते हैं। यही बात हमारी सफलता और असफलता का कारण बनती है। इसी तरह अच्छे करियर के लिए भी ज़रूरी है कि शुरुआती दौर में ही हम अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें। अगर आपकी सोच नेगेटिव है या आप हर मुद्दे में नेगेटिव पॉइंट्स ढूंढ निकालते हैं तो यहां दिए गए कुछ टिप्स आपकी सोच को पॉजि़टिव बनाने में मददगार होंगे। कुछ बातों का ध्यान रखें तो सफलता की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं।

कंफर्ट ज़ोन से निकलें बाहर
वर्कप्लेस या घर पर खुद को ऐक्टिव रखना शुरू करें और हमेशा नई चीज़ें सीखने को तैयार रहें। किसी छात्र की तरह उत्साहित रहें और हर नई चीज को जानने के लिए आगे बढ़ें। इससे आप सार्थक बदलाव लाने में समर्थ हो सकेंगेे। यह तभी संभव हो सकेगा, जब आप अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलेंगे। खुद को चुनौती दें और उसे पूरा करने की कोशिश करें, यानी वह कार्य जरूर करें, जिससे भय लगता हो। ऐसा करने पर आप अपनी सोच को विस्तार दे सकते हैं।

अपडेट करें लिस्ट
एक लिस्ट तैयार करें और उसे अमल में लाएं। टारगेट फिक्स करने के बाद अपना सही आकलन करना ज़रूरी है। आप अपने सुबह, दोपहर, शाम के हर काम पर नज़र रखें। हो सके तो सार्थक बदलावों को महसूस करते हुए उसे लिखने की कोशिश करें और इसके लिए समय सीमा का भी निर्धारण करें।

विज़न है ज़रूरी
खुद में सार्थक बदलाव लाने के लिए अपने विज़न को क्लियर रखना आवश्यक है। आपके भविष्य के बारे में आपसे बेहतर कोई और नहीं सोच सकता है। वर्कप्लेस पर कहां और कितने सुधार की ज़रूरत है, यह समझना मुश्किल है। इसलिए बिना समय गंवाए अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करें। इसमें आप अपने बॉस, मार्गदर्शक या किसी सीनियर की मदद भी ले सकते हैं। आलोचनाओं से घबराने के बजाय उनसे सीखते हुए आगे बढ़ें।

सोशल हो जाएं
सोशल मीडिया पर खुद को मज़बूती के साथ पेश करने की ज़रूरत है। आज के दौर में प्लेसमेंट के दौरान इसकी भूमिका काफी अहम हो गई है। सोशल रिलेशंस को भी इसके माध्यम से आसानी से डेवलप किया जा सकता है। सोशल मीडिया में अपने प्रोफाइल पर कुछ भी ऐसा पोस्ट करने से बचें, जिससे भावी एंप्लॉयर के सामने आपकी छवि बिगडऩे की आशंका हो। इसमें कोई भी पोस्ट डालते हुए संतुलित रहें और मर्यादा का ध्यान रखें।

झूठ न बोलें
सच को स्वीकारना खुद में बड़ी बात है। इसके लिए स्वयं को वास्तविकता से जोड़कर देखें। ध्यान रखें कि झूठ का सहारा थोड़ी देर के लिए ही कोई फायदा दे सकता है, इसके दूरगामी परिणाम कभी सही नहीं होते। बेहतर रहेगा कि सच का साथ दें। अपने अंदर आप जितनी जल्दी सार्थक बदलाव लाएंगे, सफलता के उतने ही करीब पहुंच सकेंगे।

खुद के प्रति बनें ईमानदार
आप जो भी काम कर रहे हैं, उसे पूरी दृढ़ता के साथ करें। यह दूसरों के लिए नहीं, अपने लिए ही ज़रूरी है। इसके साथ आप अपनी प्रतिभा और योग्यता पर विश्वास रखें ताकि हर बाधा को पार कर सकें। बेहतर होगा कि एक प्लैन बनाकर चलें और उसे फॉलो करने की कोशिश करें। स्वयं के प्रति ईमानदार रहें। अपने भीतर छिपी संभावनाओं को तलाशें, साथ ही अपनी सीमाओं का भी स मान करें। अपने जीवन के हर सकारात्मक-नकारात्मक पहलू पर पूरी तरह से सोच-विचार करें।

बॉडी लैंग्वेज
बॉडी लैंग्वेज आपके बारे में उससे ज़्यादा जता देती है, जितना कि आप शब्दों के माध्यम से कहना चाहते हैं। आप कैसे बैठते हैं, कैसे बोलते हैं, कैसे हाथ मिलाते हैं, अभिवादन करते हैं, किस तरह बातचीत के दौरान दूसरों से नज़रें मिलाते हैं आदि एटिकेट्स आपके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है कि अपनी बॉडी लैंग्वेज और एटिकेट्स पर पूरा ध्यान दिया जाए। इससे लोगों पर अच्छा इंप्रेशन बनता है।

मुस्कुराएं हमेशा
यह बात हमेशा याद रखें कि हर कोई अपने आसपास हंसते-मुस्कुराते और सकारात्मक लोगों को ही पसंद करता है। जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया किसी की भी पर्सनैलिटी को पूरी तरह से बदल सकता है।

आकलन करें
असफलता मिलने से कभी भी हताश या निराश नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा पॉजि़टिव एटिट्यूड बनाए रखना चाहिए। आई कैन डू इट वाला भाव मन में हमेशा रहना चाहिए। इसके लिए काम के दौरान सेल्फ एनालिसिस करना बहुत ज़रूरी होता है। एक अध्ययन के दौरान डार्विन पी. किन्सले ने कहा है कि यह सोचने के बजाय कि आप क्या खो रहे हैं, यह सोचने का प्रयास करें कि आपके पास ऐसा क्या है, जो बाकी सभी लोग खो रहे हैं क्योंकि एक बार जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल देंगे तो आपको बेहतर नतीजे मिलने शुरू हो जाएंगे।

खाली न बैठें
हीन भावना और नकारात्मक विचार हमारे दिमाग में तब आते हैं, जब हमारे पास करने के लिए कुछ नहीं होता। इसलिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहें, खुद को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखें। अगर आपके पास करने के लिए कुछ न हो तो आगे की प्लैनिंग करें या फिर ज़रूरतमंदों की मदद करें। ये सब चीज़ें आपके अंदर अच्छी सोच को विकसित करेंगी।

विश्वास रखें
स्वयं पर विश्वास और काम के प्रति ईमानदारी ज़रूरी है। अगर अपनी सफलता पर विश्वास है तो फिर अपने लक्ष्य की ओर पूरे जोश व उत्साह के साथ आगे बढ़ें। अपने काम को ब$खूबी अंजाम दें। सकारात्मक सोच से राहें आसान हो जाएंगी, साथ ही आप अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में कामयाब भी होंगे।
गीतांजलि

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