बच्चे को लेकर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहीं डोलेश्वरी

जहां महामारी कोविद-19 ने सबकी नींद उडा रखी है। वहीं बढ़ते संक्रमितों की संख्या से लोगों में अपने साथ परिजनों को संक्रमण से सुरक्षित रखने की चिता बढती दिखाई दे रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 May 2020 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 06:19 AM (IST)
बच्चे को लेकर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहीं डोलेश्वरी
बच्चे को लेकर कोरोना से दो-दो हाथ कर रहीं डोलेश्वरी

संवाद सूत्र, सुंदरगढ़ : जहां महामारी कोविद-19 ने सबकी नींद उडा रखी है। वहीं बढ़ते संक्रमितों की संख्या से लोगों में अपने साथ परिजनों को संक्रमण से सुरक्षित रखने की चिता बढती दिखाई दे रही है। लोग बहुत जरूरी न होने पर अनजान लोगों से मिलने तक से परहेज कर रहे हैं। विशेष रूप से अपने बच्चों को भीड़ से दूर रखने का हर संभव लोगों को प्रयास होता है। ऐसे में अपने लाडले को रोगियों के बीच अस्पताल लेकर जाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वह भी रात भर के लिए। पर एक कोरोना योद्धा ऐसा कर सकता है। क्योंकि उसके लिए उसका कर्तव्य सर्वोपरि होता है। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं सुंदरगढ़ जिला मुख्य चिकित्सालय में अनुबंधित नर्स के रूप में कार्यरत डोलेश्वरी पटेल।

डोलेश्वरी के पति राजस्थान में नौकरी करते हैं। यहां वह अपने 6 वर्षीय बेटे के साथ रहती हैं। उन्हें अपने बेटे को साथ लेकर रात्रि शिफ्ट में अस्पताल में अपना कर्तव्य पालन करते देखा गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि घर में उन दोनों के आलावा कोई नहीं। बच्चे को रात में घर पर अकेले कैसे छोड़ सकती हूं। दिन की शिफ्ट में बच्चे को घर पर छोड़कर वह अपने कर्तव्य का निर्वहन करती हैं। पर रात्रि शिफ्ट में बच्चे को साथ लेकर आना पड़ता है। बच्चे को नींद आने पर वह स्टाफ विश्राम गृह में सो जाता है। बीच बीच में उसे जाकर देखने के साथ अपना सेवा कार्य भी जारी रखती है। रात के 9 बजे से सुबह के 8 बजे तक वह रोगियों की सेवा करती है। उनका कहना है कि रोगियों के बीच बच्चे को लेकर आने में उन्हें भी और माताओं की तरह चिता होती है, पर कर्तव्य का पालन भी जरूरी है। कर्तव्य से मुंह मोड़ना उन्हें मंजूर नहीं। इस बात की तसल्ली है, कोरोना संक्रमितों के लिए अलग अस्पताल है, पर आशंका तो रहती ही है। निश्चित रूप से डोलेश्वरी कोरोना रोगियों की सेवा नहीं कर रही, पर कोरोना संक्रमण की आशंकाओं के बावजूद रोगियों की सेवा के अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण उन्हें निर्विवाद रूप से एक साहसी कोरोना योद्धा करार देता है।

chat bot
आपका साथी