किन्नरों और ट्रांसजेंडरों के बीच राशन सामग्री का वितरण

ट्रांसजेंडर एंड किन्नर एसोसिएशन सुंदरगढ़ की अध्यक्ष जोया त्रिपाठी के प्रयास से पहले चरण में जिले के राजगांगपुर वेदव्यास और बंडामुंडा अंचल में रहने वाले दो दर्जन से अधिक किन्नरों के घर तक राशन सामग्री पहुंचाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 08:06 AM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 08:06 AM (IST)
किन्नरों और ट्रांसजेंडरों के बीच राशन सामग्री का वितरण
किन्नरों और ट्रांसजेंडरों के बीच राशन सामग्री का वितरण

जागरण संवाददाता, राउरकेला : ट्रांसजेंडर एंड किन्नर एसोसिएशन, सुंदरगढ़ की अध्यक्ष जोया त्रिपाठी के प्रयास से पहले चरण में जिले के राजगांगपुर, वेदव्यास और बंडामुंडा अंचल में रहने वाले दो दर्जन से अधिक किन्नरों के घर तक राशन सामग्री पहुंचाई गई। दूसरे चरण में राउरकेला, बणई, विमलागढ़, लहुणीपाड़ा आदि जगहों में रहने वाले किन्नरों तक राशन सामग्री पहुंचाई जाएगी। जोया ने बताया कि कोरोना संकट काल में किन्नरों के पास कोई रोजगार नहीं होने के कारण उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। जिले के अन्य जगहों पर रहने वाले किन्नरों के लिए विभिन्न प्रकार के सहयोग के लिए सरकार से अनुरोध किया गया है। जिससे इनको रोजगार के लिए परेशानी ना हो।

मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए परेशान हो रहे कोविड मरीजों के स्वजन : एनटीपीसी कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान मृत लोगों के आश्रितों को प्रमाणपत्र देने में देर हो रही है। अस्पताल की लापरवाही के चलते दो महीने से प्रमाणपत्र नहीं मिला है इसके कारण परिवार वालों को बैंक, बीमा एवं अन्य क्षेत्र में काम कराने में परेशानी हो रही है। पीड़ित परिवार के लोग नगरपालिका कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। इस दिशा में नगरपालिका के कार्यपालक अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिलापाल का ध्यान आकृष्ट किया गया है एवं शीघ्र प्रमाणपत्र निर्गत करने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है।

सरकारी नियम के अनुसार, कोविड अस्पताल में मौत होने पर सहायक जिला चिकित्सा अधिकारी, एडीएमओ को रिपोर्ट करना चाहिए। यहां से रिपोर्ट नगरपालिका कार्यालय में भेजना जाता है एवं वहां से मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है। कोविड अस्पताल में मरने वालों से संबंधित रिपोर्ट दो महीने से नहीं भेजा गया है। इस कारण नगरपालिका कार्यालय में उनका मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है। मृत्यु के 21 दिन के भीतर रिपोर्ट नहीं होने पर एक साल तक के लिए जिला जन स्वास्थ्य अधिकारी की अनुमति की आवश्कता होती है। एक साल से अधिक समय बीत जाने पर एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होती है। इसके लिए ट्रेजरी से चालान बनाने के साथ कई तरह के दस्तावेज की भी जरूरत होती है। लॉकडाउन व शटडाउन के बीच ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विभिन्न कार्य के लिए कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ रहा है। जिला भाजपा की ओर से कोरोना में मौत पर मृत्युप्रमाणपत्र की प्रक्रिया को आसान बनाने का अनुरोध जिलापाल से किया गया है।

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