पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा निर्जला उपवास

करवा चौथ के अवसर पर बुधवार को सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखने के साथ ही पूजा अर्चना की तथा कथा का श्रवण किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 07:08 AM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 07:08 AM (IST)
पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा निर्जला उपवास
पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा निर्जला उपवास

जागरण संवाददाता, राउरकेला : करवा चौथ के अवसर पर बुधवार को सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखने के साथ ही पूजा अर्चना की तथा कथा का श्रवण किया। शाम को चांद देखने के बाद पति से आशीर्वाद लेकर व्रत तोड़ा। पति की दीर्घायु, यश एवं परिवार में सुख शांति की कामना करते हुए मारवाड़ी, पंजाबी एवं हरियाणा प्रवासी परिवारों में करवा चौथ व्रत व पूजा का आयोजन किया गया। बिसरा डाहर रोड में शर्मा महिला मंडल की ओर से बुधवार को पूजा अर्चना के साथ कथा श्रवण किया।

पौराणिक कथा के अनुसार आदि काल में ब्राह्मण के सात पुत्र थे और वीरावती नाम की इकलौती पुत्री थी। सात भाइयों की अकेली बहन होने के कारण वीरावती भाइयों की लाडली थी और उसे सभी भाई जान से बढ़कर प्रेम करते थे। कुछ समय बाद वीरावती का विवाह किसी ब्राह्मण युवक से हो गया। विवाह के बाद वीरावती मायके आई और फिर उसने भाभियों के साथ करवा चौथ का व्रत रखा लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को अ‌र्घ्य देकर ही खा सकती है। लेकिन चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है। वीरावती की ये हालत उसके भाइयों से देखी नहीं गई और फिर एक भाई ने पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा लगा की चांद निकल आया है। फिर एक भाई ने आकर वीरावती से कहा कि चांद निकल आया है, तुम उसे अ‌र्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढि़यों पर चढ़कर चांद को देखा और उसे अ‌र्घ्य देकर खाना खाने बैठ गई। उसने जैसे ही पहला निवाला मुंह में डाला तो उसे छींक आ गई। दूसरा निवाला डाला तो उसमें बाल निकल आया। इसके बाद उसने जैसे ही तीसरा निवाला मुंह में डालने की कोशिश की तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिल गया। इसके बाद उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने साल के 13 चौथ व्रत का प्रण लिया। अंतिम बार करवा चौथ व्रत किया एवं माफी मांगी जिससे उसका पति फिर से जीवित हो गया। तब से ही यह व्रत परंपरा के अनुसार किया जा रहा है। इस कठिन व्रत को करने पर अनंत फल की प्राप्ति होती है। बुधवार को बिरसा डाहर रोड में शर्मा महिला मंडल की ओर से आयोजित करवा चौथ पूजा में विमला देवी शर्मा, लीला देवी शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, सीमा शर्मा के साथ अन्य महिलाएं शामिल हुई।

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