एक ही कमरे में चल रहा स्कूल व छात्रावास
आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले में अनुसूचित जनजाति छात्रों के शिक्षा के स्तर में सुधार तथा इसके लिए आवश्यक स्कूल छात्रावास पुस्तक भोजन पोशाक एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं पर इसका सदुपयोग नहीं होने के कारण विद्यार्थी सुविधा से वंचित हैं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले में अनुसूचित जनजाति छात्रों के शिक्षा के स्तर में सुधार तथा इसके लिए आवश्यक स्कूल, छात्रावास, पुस्तक, भोजन, पोशाक एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं पर इसका सदुपयोग नहीं होने के कारण विद्यार्थी सुविधा से वंचित हैं। सुंदरगढ़ सदर ब्लाक के सलंगाबुड स्थित आवासीय हाईस्कूल इसका उदाहरण है। यहां एक ही कमरे में स्कूल के साथ छात्रावास चल रहा है। शाम होते ही बिछौना लग जाता है एवं सुबह उसे हटाकर वहां कक्षा लगती है।
सुंदरगढ़ सदर ब्लाक के सलंगाबुड में आवासीय प्राथमिक विद्यालय चल रहा था। वर्ष 2017-18 में सुंदरगढ़ समन्वित आदिवासी विकास प्राधिकरण की ओर से इस स्कूल को आवासीय उच्च विद्यालय में परिणत किया गया। यहां एक ही कमरे में स्कूल और छात्रावास चल रहा है। यहां सुरक्षा के लिए चार फीट ऊंची एवं 30 मीटर लंबी चहारदीवारी का निर्माण किया गया है। इसमें मुश्किल से एक लाख रुपये खर्च हुए हैं जबकि सरकारी बिल 2.99 लाख दर्शाया गया है। यहां 4.77 लाख रुपये की लागत पर शौचालय का निर्माण किया गया है पर इसका उपयोग नहीं हो रहा है। यहां 2015 में कक्षागृह के लिए भवन निर्माण का काम शुरू किया गया था वह अब तक अधूरा है। इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया है निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पहल नहीं की गयी है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद छात्र जब पढ़ाई के लिए यहां आयेंगे तो उन्हें पहले की तरह एक ही कमरे में रहना व पढ़ाई करना पड़ेगा।