शारदा पर गुर्राने वाले भाजपा- कांग्रेस का मौन आश्चर्यजनक
सुंदरगढ़ जिले के नुआगांव ब्लाक में विगत तीन साल से फर्जी डाक्टरी डिग्री के बल पर सरकारी डाक्टर की नौकरी करने वाले आरोपित डाक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। लेकिन नकली डाक्टर का मामला प्रिट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया में लगातार उछलने के बाद इस संगीन मामले में अब तक विपक्षी दल भाजपा व कांग्रेस का मौन आर्श्चयजनक रहा है। जिसमें इस संवेदनशील प्रसंग को लेकर न तो भाजपा और न ही कांग्रेस के नेताओं के मुंह से कोई बोल फूटे है। जबकि विगत दिनों आरजीएच में विधायक शारदा नायक ने एक मरीज की मरहमपट्टी की थी तो इन दोनों दलों के नेताओं ने उन पर जमकर निशाना साधा था।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: सुंदरगढ़ जिले के नुआगांव ब्लाक में विगत तीन साल से फर्जी डकॅक्टरी डिग्री के बल पर सरकारी डॉक्टर की नौकरी करने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। लेकिन नकली डॉक्टर का मामला प्रिट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में लगातार उछलने के बाद इस संगीन मामले में अब तक विपक्षी दल भाजपा व कांग्रेस का मौन आर्श्चयजनक रहा है। जिसमें इस संवेदनशील प्रसंग को लेकर न तो भाजपा और न ही कांग्रेस के नेताओं के मुंह से कोई बोल फूटे है। जबकि विगत दिनों आरजीएच में विधायक शारदा नायक ने एक मरीज की मरहमपट्टी की थी तो इन दोनों दलों के नेताओं ने उन पर जमकर निशाना साधा था।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों राउरकेला सरकारी अस्पताल के अटेंडेंट ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर काम बंद आंदोलन किया था।
इस आंदोलन के दौरान विधायक शारदा नायक द्वारा अस्पताल में एक मरीज की मरहम पट्टी की थी तो इसे लेकर भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने बारी-बारी से आरजीएच सीएमओ से मिलकर बवाल काटा था। जिसमें विधायक के इस कदम से मरीजों की जान पर बनने की आशंका भी जतायी गयी थी। इस दौरान भाजपा की ओर से यह भी मांग रखी गयी थी कि यदि विधायक को मरहम पट्टी की अनुमति दी गयी है तो उन्हें मरीजों का इलाज करने की अनुमति भी दी जाए। जबकि कांग्रेस की ओर से जिलाध्यक्ष रवि राय व सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र के नेता जार्ज तिर्की की अगुवाई में इस मामले को लेकर आरजीएच प्रबंधन से मिलकर अपनी नाराजगी जाहिर की गई थी। लेकिन सुंदरगढ़ के नुआगांव ब्लाक में विगत तीन सालों से लोगों का इलाज करने वाले फर्जी डॉक्टर की कलई खुलने से जिले में स्वास्थ्य सेवा के प्रति स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर है, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इसके बाद भी इस संगीन मामले को लेकर अब तक भाजपा व कांग्रेस के नेताओं के मुंह से बोल न फूटना आश्चर्य का विषय बना है।