तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग से दूसरी बार विस्थापित होंगे दो सौ परिवार

विकास के लिए जमीन अधिग्रहण विस्थापन एवं उनका पुनर्वास बड़ी समस्या है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 09:33 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 09:33 PM (IST)
तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग से दूसरी बार विस्थापित होंगे दो सौ परिवार
तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग से दूसरी बार विस्थापित होंगे दो सौ परिवार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : विकास के लिए जमीन अधिग्रहण, विस्थापन एवं उनका पुनर्वास बड़ी समस्या है। राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) एवं रेंगाली बांध निर्माण के दौरान विस्थापित परिवारों में से करीब दो सौ परिवारों पर फिर से विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है। तालचेर- विमलागढ़ रेलमार्ग निर्माण के लिए फिर से उन्हें विस्थापित होना पड़ेगा। आरएसपी की स्थापना के दौरान विस्थापित दस गांव एवं रेंगाली बांध निर्माण के दौरान विस्थापित छह गांव समेत कुल 16 गांवों के करीब बीस हजार लोगों का पुनर्वास सुंदरगढ़ जिले की सीमा एवं देवगढ़ जिले में किया गया है। तालचेर-विमलागढ़ रेलमार्ग निर्माण होने से इस क्षेत्र के दो सौ परिवार फिर से विस्थापित होंगे।

उल्लेखनीय है कि सन 1954 में आरएसपी से विस्थापित कुछ परिवारों को राज्य सरकार की ओर से बारकोट ब्लॉक के मसींता, कुम्हारगड़िया, आमगांव, हरेकृष्णपुर, मकफंसरपुर, सिघासल, केंटालबहाल, डमकुचा, जगन्नाथपुर, लाखपाली गांव में पुनर्वास किया गया था। इसी तरह, रेंगाली डैम से 1983 में 10,700 परिवार विस्थापित हुए। उन्हें अक्षरसीला, रंगामाटिया, केंद्रीझरण, बलंडा, बहड़ापोशी, गोपपुर इलाके में बसाया गया। इन क्षेत्रों के लोग विस्थापन की समस्या तथा इसका कष्ट अब तक नहीं भूल पाये हैं। इनमें से दो सौ परिवार के लोगों पर फिर से विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय लोग विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं पर उन्हें उपयुक्त क्षतिपूर्ति देने की मांग कर रहे हैं। रेलवे की ओर से मांगों पर विचार नहीं करने से असंतोष है।

बता दें कि राउरकेला इस्पात संयंत्र स्थापना के समय विस्थापित हुए दर्जनों परिवार अभी भी वादे के अनुसार लाभ से वंचित हैं। इसके लिए निरंतर वे जिला प्रशासन से लेकर कंपनी प्रबंधन तक का दरवाजा खटखटाते आ रहे हैं। लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है।

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