श्रीमद् भागवत ज्ञानकथा के लिए निकली कलश शोभायात्रा
शहर के प्रतिष्ठित तिवारी परिवार के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञानकथा स्थानीय झडा चौक स्थित हनुमान मंदिर के सामने रविवार से शुरू हुई।
संसू, झारसुगुड़ा : शहर के प्रतिष्ठित तिवारी परिवार के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत ज्ञानकथा स्थानीय झडा चौक स्थित हनुमान मंदिर के सामने रविवार से शुरू हुई। इसमें भागवत कथा वाचक पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित महादेव घाट आश्रम श्रीधाम वृंदावन से पधारी लक्ष्मी निधि (माता जी) के द्वारा अपने सुमधुर वाणी में भागवत कथा का वर्णन किया जा रहा है। भागवत कथा के पूर्व रविवार के पूर्वाह्न स्टेशन चौक स्थित श्री कनक दुर्गा मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत बाजा-गाजा के साथ व कोविड नियम के तहत भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। कलश शोभा यात्रा में भागवत कथा वाचक लक्ष्मी निधि जी फूलों से सजी एक खुली जीप में सवार थीं। वहीं, 108 कलश सिर पर लिए प्रचलित परंपरा के अनुसार पीली साड़ी पहने महिलाएं चल रही थीं। कलश यात्रा दुर्गा मंदिर से निकल कर मुख्य मार्ग से होते हुए आयोजन स्थल झडा चौक पहुंची। यहां माता जी के द्वारा विधिवत कलश स्थापित किया गया। इसके सप्ताहव्यापी श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा का शुभांरभ हुआ, जोकि 19 दिसंबर तक प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से संध्या सात बजे तक चलेगी। कलश शोभायात्रा में दिनेश जैन, भरत अवस्थी, मनीषा वाजपेयी सहित शहर के गणमान्य व तिवारी परिवार के सभी सदस्या शामिल हुए। सप्ताहव्यापी इस धार्मिक अनुष्ठान को लेकर मोहल्ले से लेकर अंचल में उत्साह का माहौल है। सरस्वती शिशु विद्यामंदिर में मातृ कार्यशाला : बंधबहाल के जगन्नाथनगर स्थित सरस्वती शिशु विद्यामंदिर के बाटिका विभाग द्वारा शनिवार को मातृ कार्यशाला का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश पंडा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य वक्ता का दायित्व निभाते हुए ब्रजराजनगर संकुल प्रमुख योगेश प्रधान ने बच्चों के शारीरिक विकास, मानसिक विकास तथा बौद्धिक विकास के लिए माताओं की भूमिका एवं दायित्वों पर प्रकाश डाला। विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष रविन्द्र गिरी, सदस्य सुमित्रा दास तथा गितारानी मेहेर ने अतिथियों के दायित्व निभाया। शिशु बाटिका प्रमुख रोजालिन होता ने शिशु बाटिका के पाठ्यक्रम तथा इस कार्यशाला के आयोजन की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम में कुल 23 माताओं ने अंश ग्रहण किया तथा पांच ने अपने विचार भी व्यक्त किए। गुरुजी सीमांचल जेना, गुरुमां प्रज्ञा परिमिता दास ने कार्यक्रम के आयोजन में आवश्यक सहयोग प्रदान किया एवं अंत मे गुरुजी क्षेत्रवासी विस्वाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।