लैमन ग्रास की खेती कर स्वावलंबी बनी बीनापाणी पटेल

झारसुगुड़ा जिले के लैयकरा ब्लाक के गमाहरीगुडा गांव के रहने वाले तथा लैयकरा महाविद्यालय के अध्यक्ष दिलीप पटेल की पत्नी बीणापानी पटेल ने लैमन ग्रास की खेती कर पूर्ण रूप से सफल हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Feb 2020 06:00 PM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 06:26 AM (IST)
लैमन ग्रास की खेती कर स्वावलंबी बनी बीनापाणी पटेल
लैमन ग्रास की खेती कर स्वावलंबी बनी बीनापाणी पटेल

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिले के लैयकरा ब्लाक के गमाहरीगुडा गांव के रहने वाले तथा लैयकरा महाविद्यालय के अध्यक्ष दिलीप पटेल की पत्नी बीणापानी पटेल ने लैमन ग्रास की खेती कर पूर्ण रूप से सफल हुई है। बीणापानी पटेल एक गृहणी हैं। उन्होंने दिल्ली आइआइटी से रासायन विज्ञान में मुख्य प्रोफेसर डाक्टर सत्यनारायण नायक से औषधी व सुरक्षित लैमन ग्रास की खेती करने की प्रेरणा प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने भारत सरकार के केंद्रीय औषधी व सुरक्षित लैमन ग्रास रोपण संस्था से संपर्क किया और करीब आधा एकड़ जमीन में लैमन घास की खेती की। इस बीच वह घर में ही रह कर अपना घरेलू काम भी करती रही। समय निकाल कर अपने घर की बगीचे में लगाई अपनी लैमन ग्रास की खेती की देखरेख के लिए भी समय निकलती रही। उन्होंने घर में ही एक प्रोसेसिंग मशीन लगा कर उक्त घास से तेल निकलना शुरू की। आधा एकड़ जमीन में लगी लैमन ग्रास से वह प्राय: सात लीटर तेल निकाल लेती है। झारसुगुड़ा जिला में बीणापानी पटेल पहली महिला बन गई है। जिन्होंने इस प्रकार कि खेती कर घास से सुरक्षित तेल निकालने मे सफल रही है। उनकी इस अनूठी प्रक्रिया को देखने के लिए लोगों की भीड़ अब उनके घर की ओर उमड़ रही है।

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