गरीबी मुक्त समाज का गठन संभव

गरीबी मुक्त समाज का गठन संभव है। ऐसा किया जा सकता है। राज्य सचि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 May 2018 04:45 PM (IST) Updated:Sat, 12 May 2018 04:45 PM (IST)
गरीबी मुक्त समाज का गठन संभव
गरीबी मुक्त समाज का गठन संभव

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : गरीबी मुक्त समाज का गठन संभव है। ऐसा किया जा सकता है। राज्य सचिवालय में आयोजित ओडिशा ज्ञानपुंज व्याख्यान के 16वें संस्करण में नोबल शांति पुरस्कार विजेता प्रो. मोहम्मद यूनुस ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि गरीबी दूरीकरण नागरिकों की क्रियाशीलता एवं उत्पादन वृद्धि पर निर्भर करती है। इसे केवल सरकारी अर्थ अथवा बजट प्रावधान के जरिए हासिल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए योजनाबद्ध प्रयास, अनुष्ठानिक व्यवस्था एवं सबसे जरूरी दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। केवल इतना नहीं, बल्कि देश के नागरिकों को अधिक क्रियाशील करने, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और उत्पादन को बढ़ाना होगा। प्रो. युनूस ने कहा कि गरीबमुक्त, बेरोजगारी मुक्त एवं ¨हसा मुक्त समाज गठन जैसे तीन मसलों के समाधान के लिए विश्व समुदाय को सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा।

बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए प्रो. युनूस ने कहा कि ग्रामीण बैंक से गरीब लोगों को आसानी से एवं बिना किसी बंधक के कम आकार के कर्ज देने से वहां के लोगों की उत्पादन क्षमता में इजाफा हुआ है। इससे लाखों लोग, खासकर महिलाएं गरीब मुक्त हुई हैं। इस तरह की बैंकिंग व्यवस्था का कई पश्चिमी देश सफलता के साथ अनुशरण कर रहे हैं। गरीबी हटाने के लिए भारत एवं अन्य देश को भी इस तरह की बैं¨कग व्यवस्था को अपनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में औद्योगिक गुण होता है। गरीब लोगों में तो यह काफी अधिक होता है। क्योंकि वे अपने कर्म एवं श्रम बल से जिंदा हैं। उन्हें यदि उपयुक्त प्रोत्साहन मिले तो फिर वे खुद छोटे-छोटे उद्यमी बनकर छोटे-छोटे प्रतिष्ठान चला सकते हैं। बांग्लादेश में भिखारियों को कर्ज सुविधा देने से वे किस प्रकार से उद्यमी बने हैं, इसका उदाहरण भी प्रो. युनूस ने दिया। इस अवसर पर वित्तमंत्री शशि भूषण बेहेरा ने प्रो. यूनुस को ज्ञानपुंज व्याख्यान का स्मृतिफलक देकर सम्मानित किया। प्रो. युनूस ने अपनी पुस्तक 'दि व‌र्ल्ड ऑफ थ्री जीरो' वित्तमंत्री बेहेरा, मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी को प्रदान किया।

'दि व‌र्ल्ड ऑफ थ्री जीरो' पुस्तक का लोकार्पण

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस की अंग्रेजी पुस्तक 'दि व‌र्ल्ड ऑफ थ्री जीरो' का ओडिशा साहित्य जगत के लेखकों, कवियों, साहित्यकारों एवं समाजसेवियों की उपस्थिति में लोकार्पण हुआ। कीट-कीस के संस्थापक सह राज्यसभा सांसद डॉ. अच्युत सामंत के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. मोहम्मद यूनुस समेत अंतरराष्ट्रीय रगबी खिलाड़ी राहुल बोस, डॉ. सूरज कुमार और एमएस लामिया मोर्शेड आदि उपस्थित थे। इस मौके पर डॉ. सामंत ने कहा कि अनेक पुस्तकों के रचायिता डॉ. यूनुस की यह लोकार्पित रचना हर प्रकार से नई सदी की नई शुरुआत की द्योतक है। डॉ. यूनुस ने आज के तकनीकी युग में रोबेट की कृत्रिम उपयोगिता को सृष्टि के विकास के लिए कम अपितु विनाश के लिए अधिक हानिकारक बताया। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति जन्म से अमीर-गरीब नहीं पैदा होता है बल्कि हमारी सामाजिक व्यवस्था इसके लिए जिम्मेदार है जिसको बदलने की आज आवश्यकता है। उन्होंने अपने मानवतावादी विचारों के माध्यम से सामाजिक प्रणाली को बदलने का संकेत किया। राहुल बोस ने कहा कि हैपिनेश व्यक्ति की अपनी अलग-अलग सोच का नतीजा है। हमें अपनी-अपनी सोच को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है।

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