विपक्ष के सामने झुका सत्ता पक्ष

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर सरकार एवं विपक्ष के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2017 02:45 AM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2017 02:45 AM (IST)
विपक्ष के सामने झुका सत्ता पक्ष
विपक्ष के सामने झुका सत्ता पक्ष

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को लेकर सरकार एवं विपक्ष के बीच चल रही रस्साकशी पर फिलहाल विराम लग गया। विपक्ष की जिद के आगे झुकते हुए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि यह बात अलग है कि विपक्ष धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2800 रुपये करने की मांग कर रहा था मगर सरकार ने प्रति क्विंटल 2500 रुपये करने का संकल्प नोटिस जारी किया है। इससे पहले धान का सहायक मूल्य 1470 रुपये था। जानकारी के अनुसार कृषि मंत्री प्रदीप प्रदीप महारथी ने विधानसभा सचिवालय को उपरोक्त नोटिस दिया है। विधानसभा अध्यक्ष निरंजन पुजारी ने कहा कि सरकार का संकल्प मिला है। कार्य परामर्शदाता बैठक में चर्चा होने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को विधानसभा में दिन भर धान की कीमत निर्धारण को लेकर बहसबाजी चलती रही। यहां तक कि विधानसभा द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को भी विरोधी दल ने रद कर दिया। सदन के बाहर विरोधी दल नेता नर¨सह मिश्र ने कहा था कि विरोधी दल का हो या सरकारी दल का संकल्प, हमारी मांग के मुताबिक किसानों के हित के लिए धान की कीमत प्रति क्विंटल 2800 रुपया निश्चित करने के प्रस्ताव स्वीकार किया जाए तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने पर विधानसभा में सबकी सहमति से प्रस्ताव पास कर इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाए। इसी मांग पर कांग्रेस एवं भाजपा के विधायक अड़े रहे। ऐसे में बार- बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर विरोधीदल नेता नर¨सह मिश्र ने कहा कि राज्य सरकार के हिसाब से किसानों को धान की लागत प्रति क्विंटल 1800 रुपये आती है। इसी आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2800 रुपया किया जाए। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 2015-16 व 2016-17 साल में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रुपया करने के लिए केंद्र सरकार के पास अपनी मांग रखी है। मूल्य का निर्धारण करना केंद्र सरकार का दायित्व है। केंद्र ने फिलहाल इसका मूल्य 1470 रुपये निश्चित किया है।

मंत्री के इस उत्तर से विरोधी दल के सदस्यों ने उत्तेजित होते हुए कहा कि फिर इस मसले पर विधानसभा में सर्वसम्मति प्रस्ताव लाने में क्या परेशानी है। इस पर हो रहे हो हल्ला से विधानसभा अध्यक्ष को एक फिर सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। शाम पांच बजकर 18 मिनट पर सदन कार्यवाही जैसे शुरू हुई फिर भी हो हल्ला जारी रहा। इसी बीच पंचायतीराज विभाग के खर्च की मांग सदन पेश की गई। पांच बजकर 29 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष पुजारी ने 24 मार्च तक सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

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