कड़ी सुरक्षा के बीच ओडिशा के ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने की प्रक्रिया जारी, पुलिस बल तैनात

श्रीमंदिर के समीप बने मठों एवं निर्माण कार्य को तोड़ने की प्रक्रिया जारी है इसे तोड़ने के लिए 10 से अधिक ब्रेकर एवं बुल्डोजर लगाये गये हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 29 Aug 2019 02:15 PM (IST) Updated:Thu, 29 Aug 2019 03:10 PM (IST)
कड़ी सुरक्षा के बीच ओडिशा के ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने की प्रक्रिया जारी, पुलिस बल तैनात
कड़ी सुरक्षा के बीच ओडिशा के ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने की प्रक्रिया जारी, पुलिस बल तैनात

भुवनेश्वर/ पुरी, जेएनएन। श्रीमंदिर चौहद्दी से 75 मीटर दूरी में मौजूद विभिन्न मठों एवं निर्माण कार्य को तोड़ने की प्रक्रिया जारी है। इसी के तहत श्रीमंदिर सिंहद्वार के सामने मौजूद लगभग 900 साल पुराने राज्य के सबसे धनिक मठों में से एक ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने का काम गुरुवार दूसरे दिन भी जारी रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच 4 मंजिल वाले इस मठ को ऊपरी मंजिल से तोड़ा जा रहा है। सबसे ऊपरी मंजिल पर मौजूद रघुनंदन लाइब्रेरी को प्रशासन ने तोड़ दिया है। मठ को तोड़ने के लिए 10 से अधिक ब्रेकर एवं बुल्डोजर लगाया गया है।

किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर 10 प्लाटुन पुलिस बल तैनात किया गया है। पुरी के अतिरिक्त जिलाधीश, उप जिलाधीश मौके पर मौजूद रहे। मठ में सांप होने की संभावना को देखते हुए स्नेक हेल्पलाइन के सदस्य को भी बुलाया गया था। 

इससे पहले मठ परिसर में मौजूद दुकान एवं मठ के सभी सामग्री को स्थानान्तरित कर दिया गया है। एमार मठ के साथ और सात पुराने मठ को तोड़ने की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है। एमार मठ परिसर में रहने वाले कर्मचारियों को फिलहाल बगला धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की गई है, मगर कर्मचारी अपने रहने के लिए स्थाई व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं।

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मठ के अन्दर मिला सुरंग के आकार का घर

पुरी में एमार मठ को तोड़ते समय आज एक जमीन के अन्दर सुरंग के आकार का घर पाया गया है। इस सुरंग घर में क्या हो सकता है, उसे लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। भूतल घर के अन्दर कुछ गुप्त धन होने का भी अनुमान किया जा रहा है। मठ से कुछ साल पहले 400 से अधिक चांदी के ईट मिल चुकी हैं। ऐसे में इस सुरंग घर में क्या है, उसे जानने के लिए लोग लालायित दिखे। लोगों में ऐसा भी विश्वास है कि 12वीं सदी के इस मठ के अन्दर काफी मात्रा में गुप्त धन छिपा हुआ है। हालांकि पुरी के अतिरिक्त जिलाधीश विनय कुमार दास ने कहा है कि इस सुरंग में कोई खजाना नहीं है, इसमें पहले के जमाने में धान एवं अन्य खाद्य सामग्री रखी जाती थी। एक तरफ जहां एमार मठ तोड़ने का काम जारी है तो वहीं दूसरी तरफ मठ छोड़ने को मठ के महंत तैयार नहीं हैं। मठ के अन्दर ध्यान मुद्रा में महंत राजगोपाल रामानुज दास महाराज बैठे हुए हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार को जहां सैकड़ों साल पुराने लंगुली मठ को तोड़कर मिट्टी में मिला दिया गया तो वहीं बुधवार को 900 साल पुराने ऐतिहासिक एमार मठ को भी तोड़ने की प्रक्रिया प्रशासन ने शुरू कर दी थी। एमार मठ को तोड़ने के लिए बुधवार को मठ के महंत के पास पुरी जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस भेजा गया, मगर मठ के महंत ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए नोटिस को ग्रहण नहीं किया। इसके बाद पुरी म्युनिसीपैल्टी की तरफ से मठ की दीवार पर नोटिस को चस्पा कर दिया गया था।

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