Durga Puja 2020: दुर्गापूजा पर कोरोना की मार, मूर्तिकारों का चौपट हुआ कारोबार

कोरोना महामारी के कारण इस साल दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों को नुकसान हुआ है इस साल उन्‍हें छोटी मूर्ति बनाने के आर्डर मिले हैं और वो भी बहुत ही कम। पिछले साल जहां 200 मूर्तियां बनायी थी इस बार मात्र 20-30 ऑर्डर ही मिले हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 09:42 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 10:10 AM (IST)
Durga Puja 2020: दुर्गापूजा पर कोरोना की मार, मूर्तिकारों का चौपट हुआ कारोबार
कोरोना महामारी के कारण मूर्तिकारों को काफी नुकसान हुआ है

भुवनेश्‍वर, एएनआइ।  हर साल दुर्गापूजा के लिए मूर्ति बनाने वाले कारीगरों को सांस लेने की भी फुर्सत नहीं होती थी, दिन रात अपने परिवार के साथ मिलकर माता की भव्‍य मूर्तियां तैयार करते थे जिससे अच्‍छी आमदनी हो सके।  इस बार  कोरोना महामारी के कारण उनका व्‍यापार ही चौपट हो गया है। एक मूर्तिकार ने बताया कि, "इस बार हमें छोटी मूर्तियों के ऑर्डर मिले हैं। पिछले साल हमने 200 मूर्तियां बनाई थीं, लेकिन इस साल हमें केवल 20-30 मूर्तियों के ऑर्डर मिल पाये हैं। हमें इस साल बहुत नुकसान हुआ है।

 मूर्तिकारों का कहना है कि इस संकट की घड़ी में उनकी रोजी रोटी के भी लाले पड़ गये हैं, उन्‍हें चिंता सताने लगी है कि इस नुकसान के बाद अपने पूरे साल का खर्चा वो कैसे चलाएंगे। दुर्गापूजा में मूर्तियां बनाकर वो जो व्‍यापार करते थे उससे ही उनके सालभर का खर्चा चलता था। ये मूर्तिकार दुर्गापूजा के लिए प्रतिमाएं बनाकर उससे हुई कमाई से सालभर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। कलाकारों को इस बार पहले की तरह ऑर्डर नहीं मिले हैं, जो मिले भी हैं तो छोटी प्रतिमा बनाने के मिले हैं और पहले के मुकाबले बहुत ही कम ऑर्डर मिले हैं।  

एक मूर्तिकार ने बताया कि हर साल मैं छोटी बड़ी लगभग 50 मूर्तियों बनाता था। इस बार अब तक मात्र चार से पांच मूर्तियों के ऑर्डर मिले पाये हैं वह भी सभी घरों में रखने वाली छोटी मूर्तियां हैं। ऐसे में हम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। एक अन्‍य मूर्तिकार ने बताया कि कोरोना का असर दुर्गापूजा के काम पर पड़ रहा है। दुर्गा पूजा समितियां हमें बड़े-बड़े ऑर्डर देती थी, इन भव्‍य मूर्तियों की कीमत भी हजारों में होती थी लेकिन इस बार वो आर्डर नहीं मिल पाये हैं। हमने कुछ छोटी मूर्तियों का निर्माण किया है लेकिन खरीदार नहीं हमारे पास नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब इन मूर्तियों में लगायी गयी पूंजी के डूबने का भी डर सता रहा है।

 
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