पूरी दुनिया में जगन्नाथ संस्कृति का हो प्रचार, अन्तर्राष्ट्रीय वर्चुअल बैठक में लिया गया निर्णय

पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए अब भी प्रदेश में कई तरह के बुनियादी विकास की जरूरत है। इसके लिए जापान में भारत के पर्यटन राजदूत तथा भारत जापान मैत्री संघ के अध्यक्ष कुना दास जगन्नाथ मंदिर के पास महीने दो दिन सफाई अभियान चलाएंगे।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 01:22 PM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 01:22 PM (IST)
पूरी दुनिया में जगन्नाथ संस्कृति का हो प्रचार, अन्तर्राष्ट्रीय वर्चुअल बैठक में लिया गया निर्णय
पूरी दुनिया में जगन्नाथ संस्कृति का होगा प्रचार

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। जगन्नाथ संस्कृति का पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार करने एवं ओडिआ जाति, भाषा, वर्ण, संस्कृति, साहित्य एवं ओडिआ समाज का विकास करने का संकल्प सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान नील शैल की वार्षिक बैठक में लिया गया। संस्थान के वरिष्ठ सलाहकार अध्यक्ष डा.मुरली मनोहर शर्मा के संयोजन में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के विभिन्न राज्य तथा विदेशों में रहने वाले संस्थान से जुड़े सदस्यों ने भाग लिया। 

 विशाल वट वृक्ष बन गया है ये संगठन 

 कोरोना काल में हुई इस वर्चुअल बैठक में भाग लेते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि सन् 1972 में बना यह संगठन अब विशाल वट वृक्ष बन गया है। जापान में भारत के पर्यटन राजदूत तथा भारत जापान मैत्री संघ के अध्यक्ष कुना दास ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में अब पर्यटन से जुडे कई तरह के विकास की जरूरत है। आज भी लोगों को डिब्बा लेकर बाहर शौच करने के लिए जाते देखा जा रहा हैं, इससे प्रदेश की खराब छवि विदेशों में बनती है, इसमें हमें सुधार लाने के लिए काम करना होगा। तेजस लड़ाकू विमान का डायग्राम तैयार कर ओडिशा के अब्दुल कलाम कहे जाने वाले वैज्ञानिक निहार सामन्तराय इस बैठक में बंगलौर से भाग लेते हुए कहा कि इस संगठन से अब तक देश-विदेश में काम करने वाले 132 ओडिआ संगठन जुड़ चुके है। आज के दिन में प्रदेश के लगभग 2 करोड़ लोग ओडिशा से बाहर रहते हैं। उन्हें संगठन के साथ जोड़ते हुए जगन्नाथ संस्कृति के विकास के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। 

 मिलकर करें संकल्‍प 

असीम ओडिशा संगठन के अध्यक्ष क्षिरोद जेना ने कहा कि पुरी दुनिया में प्रचार प्रसार होना चाहिए। चेन्नई में  आईएमसिटी द्वारा आयोजित देश भक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम में ओडिशा के ओडिशी नृत्य संगीत में प्रस्तुत मिट्टी की पूजा कार्यक्रम को पूरे देश से आए लोगों ने सराहा था। संस्थना के अध्यक्ष धरणी धर नायक ने कहा कि जगन्नाथ संस्कृति को पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार करने एवं ओडिआ जाति, भाषा, वर्ण, संस्कृति, साहित्य एवं ओडिआ समाज का विकास करने के लिए हम सबको मिलकर संकल्प लेना होगा। वरिष्ठ स्तम्भकार किशोर द्विवेदी ने कहा कि आगामी दिनों में इस अभियान को विश्व व्यापी बनाने के लिए कदम उठाए जाएं। सभी सदस्यों ने एक स्वर में पुरी दुनिया में जगन्नाथ संस्कृति का प्रचार प्रसार करने पर बल दिया। महासचिव (व्यंगकवि) विभु प्रसाद नायक ने कहा कि श्रीजगन्नाथ मंदिर के पास प्रति महीने दो दिन नीलशैल के सदस्य सफाई अभियान कर कारसेवा करेंगे। 

डा. मुरली मनोहर शर्मा के संचालन में आयोजित इस वर्चुअल बैठक में देश के विभिन्न राज्यों एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों से जुड़े संगठन के पदाधिकारियों में मुख्य रूप से विपिन बिहारी पाणी, नीलमणि चांद, रीता पात्र, संजीव मित्र, बिरजा महापात्र, मनोज पात्र, सुधांशु जेना, देव प्रसाद मिश्रा आदि ने अपने विचार रखते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर, संस्कृति को पूरी दुनिया में पहुंचाने का संकल्प लेते हुए ओडिआ भारी बढ़िया का नारा बुलंद किया। इसके साथ ही ओडिशा को आज भी हाईकोर्ट में उडिशा लिखा जा रहा है, इसके बदलाव के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का निर्णय लिया गया और श्रीक्षेत्र धाम पुरी में विश्व ओडिआ सम्मेलन करने पर मंथन किया गया। नीलशैल के प्रतिष्ठाता स्व. राजकिशोर राज के बेटे सौम्यरंजन राज एवं शक्ति रंजन राज ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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